सिद्धार्थ कांकरिया, THANDLA. मप्र के झाबुआ जिले के थांगला में रहने वाला एक युवक कचरा बेचकर लाखों का व्यवसायी बन गया। जी हां, सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है, लेकिन मेहनत और जज्बे के बलबूते उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है। इस व्यक्ति ने सिर्फ 6 सालों में अपने इस व्यवसाय को खड़ा कर लिया, वहीं अपने व्यवसाय के माध्यम से 120 लोगों को रोजगार तक दिया हैं।
गुजरात में कचरा कलेक्शन गाड़ी चलाता था विनोद
झाबुआ जिले के थांदला से 2 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रुंडीपाड़ा में विनोद मेडा रहते हैं। विनोद पेशे से कड़कनाथ फार्मर हैं। कुछ साल पहले यह शख्स अपनी रोजी-रोटी के लिए गुजरात के बड़े शहर में कचरा गाड़ी चलाया करते थे। लेकिन संघर्ष और साहस से बढ़ाया गया उक्त युवा का कदम आज पूरे भारत में शोहरत दिला रहा है।
2 हजार चूजों को धोनी को भी दे चुके है
कड़कनाथ फार्मर विनोद मेडा शुक्रवार (28 अप्रैल) की शाम एक बड़े ऑर्डर के रूप में 2 हजार कड़कनाथ के चूजे लेकर दिल्ली की केएनसी ऑर्गनिक कंपनी में सप्लाई करने के लिए निकल गए है। इसके पूर्व विनोद मेडा ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धोनी को भी 2 हजार चूजों की सप्लाई की है। दिल्ली की केएनसी ऑर्गनिक कंपनी के आर्डर के बारे में बताते हुए विनोद मेडा कहते हैं कि उन्हें यह आर्डर झाबुआ कड़कनाथ की वेबसाइट के माध्यम से 1 माह पूर्व मिला था। 2 हजार चूजों के इस ऑर्डर को वे अब चार पहिया वाहन से दिल्ली डिलीवर करने जा रहे हैं।
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एक ही रात में तय करेंगे 900 किमी का सफर
एक कैरेट में 1 माह के चूजों को रखते हुए विनोद मेडा बताते हैं कि कैरेट में चूजों के साथ तरबूज भी रखे गए है। तरबूज से चूजों के दाना और पानी की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकती है। फार्मर मेडा बताते है कि इन दिनों मौसम में गर्मी बढ़ गई है। इससे चूजों को दिन में ले जाने से उनके स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए थांदला से दिल्ली तक का लगभग 900 मीटर के सफर को एक रात में ही तय करेंगे। इस काम में उनके साथ उनके परिवार के 7 अन्य सदस्य भी शामिल हैं।
पूरे देश में कड़कनाथ की क्यों है डिमांड
कड़कनाथ प्रोटीन का भरपूर स्त्रोत माना जाता है। विशेषकर खिलाड़ियों, पहलवानों, तैराकों, धावकों में इसकी ज्यादा डिमांड रहती है। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होने के कारण ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी इसे पसंद करते हुए 2 हजार चूजों का ऑर्डर विनोद मेडा को दिया था। इस नस्ल की मुर्गियों के अंडे हल्के भूरे रंग के होते हैं। वहीं इसमें प्रोटीन के अलावा विटामिन बी1, बी2, बी6 और बी12 भरपूर मात्रा में मिलता है।