Dhar. जिले में एक अनोखा मामला सामने आया। जिस बेटे को माता-पिता मृतक मान चुके थे। वह अचानक से 15 अप्रैल, शुक्रवार को सही सलामत वापिस लौट आया, जिससे परिवराजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। युवक का नाम ग्राम कड़ोदकला निवासी कमलेश पिता गेंदालाल पाटीदार है।
2021 में हुआ था कोरोना
कमलेश को 2021 में कोरोना हो गया था, उसे उपचार कराने के लिए एक निजी अस्पताल में बड़ौदा में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान कमलेश को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, चूंकि उस समय कोरोना के केसे बहुत तेजी से बढ़ रहे थे। इस कारण अस्पताल पहुंचे घर वालों को शव दूर से ही दिखाया था। चूंकि शव पॉलीथिन में लिपटा हुआ था। इस कारण घर वाले भी ज्यादा कुछ समझ नहीं पाए, डॉक्टरों के कहने पर उन्होंने ये मान लिया था कि उनका बेटा मर चुका है, उनके बेटे का बड़ौदा में ही कोविड टीम द्वारा अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
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विधवा की तरह रह रही थी पत्नी
अस्पताल द्वारा कमलेश को मृत बताने के बाद परिजनों ने भी अपने बेटे को मृत मान लिया। इसके बाद कमलेश की पत्नी भी विधवा की तरह रहने लगी। दो साल से वे अपने आप को विधवा मानकर रह रही थी। वहीं कमलेश के पिता को भी अपने जवान बेटे के चले जाने से गहरा सदमा लगा, जिससे वे अभी तक उबर नहीं पाए हैं।
बदमाशों ने बना लिया था बंधक
इस मामले में कमलेश का कहना है कि उसे बदमाशों के किसी गिरोह ने बंधक बना लिया था, उसे काफी प्रताड़ित किया गया। ऐसे में उसे जैसे ही मौका मिला, वह भाग आया। उसके आने की और इस घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी गई।
युवक मामा के यहां सरदारपुर तहसील पहुंचा
शुक्रवार रात को वह अपने मामा के यहां सरदारपुर तहसील पहुंचा। इस संबंध में जैसे ही मामा द्वारा कमलेश के पिता को जानकारी दी गई तो उन्हें यकीन नहीं हुआ, उन्होंने वीडियो कॉल करके कंफर्म किया। तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बाप-बेटे दोनों की आंखों से आंसू बहने लगे। चूंकि मामला कानवन थाने का है, इस कारण कमलेश को अब कानवन थाने ले जाया जाएगा, जहां से पूरी प्रक्रिया होने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।