सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स मध्यप्रदेश की मंगलवार को हुई वर्चुअल बैठक में संगठन ने 12 जुलाई को प्रदेश में निजी स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान एडमिशन और ऑनलाइन क्लास भी बंद रहेंगी। संगठन का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन खत्म कर पूरा मार्केट खोल दिया है लेकिन स्कूलों को अभी तक बंद रखा है ये उचित नहीं है।
सरकार के दोहरे रवैये का विरोध
निजी स्कूल संचालकों के संगठन ने कहा है कि हमने सरकार की दोहरी नीति का विरोध करने का निर्णय लिया हैं। अभी कुछ दिन पहले ही शासन ने पत्र जारी कर स्कूलों को 10% फीस बढ़ाने का आदेश जारी किया था। इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट आदेश दिया था कि सत्र 20-21 के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की गई फीस सभी को देनी होगी। जबकि सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूलों की फीस बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। सभी संचालक संशय में हैं हम किसकी माने सर्वोच्च न्यायालय, शिक्षा विभाग या मुख्यमंत्री की। सरकार ने अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा के तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस भी 2 - 3 वर्षों से नहीं दी है। ये राशि करोड़ों में है।इतना ही नहीं अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा के तहत हमारे स्कूलों में अध्ययनरत गरीब विद्यार्थियों का शिक्षण शुल्क भी विगत 2 से 3 वर्षों से नहीं दिया है। इसके करोड़ों रुपए सरकार पर बाकी है।
स्कूल संचालक परेशान
निजी स्कूल संचालकों का दर्द है कि सरकार ने समाज के हर वर्ग को कोरोना के राहत पैकेज दिया है। लेकिन स्कूल संचालकों को इससे वंचित रखा है। जबकि उन्हें भी स्कूल बिल्डिंग, वाहनों के लिए बैंक लोन की किस्त और बिजली बिल के लिए हर माह बड़ी राशि का भुगतान करना होता है।