प्रशासन का एक्शन मोड: 90 एकड़ जमीन से हटाया अतिक्रमण, लोग रोते बिलखते रहे, बेघर हुए

author-image
एडिट
New Update
प्रशासन का एक्शन मोड: 90 एकड़ जमीन से हटाया अतिक्रमण, लोग रोते बिलखते रहे, बेघर हुए

खंडवा में इन दिनों प्रशासन एक्शन मोड में है। अमले ने 2 दिन में लगभग 19 मकान तोड़कर अतिक्रमण हटाया। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि बारिश के मौसम में लोगों को बेघर करना कितना सही है?

क्या है मामला

खंडवा के रोहिणी वन क्षेत्र में शनिवार सुबह कि गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में देर रात पुलिस अधीक्षक कार्यालय को सैकड़ों आदिवासियों ने घेरा। आदिवासी रोहिणी इलाके में अतिक्रमण हटाने के दौरान हताहत हुए अपने परिजन की तलाश की शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। इनका आरोप था कि वन विभाग ने मकानों को तोड़ा और पालतू पशुओं को लेकर चले गए। लोगों एक गंभीर आरोप यह भी है 3 साल का एक बच्चा लापता है, जिसकी कोई खबर नहीं मिल रही। वन अधिकारियों पर आरोप लगाते कहा कि इन्होंने हमें बिना सूचना दिए हमारे मकानों को तोड़ा है और हमारे सामान को जब्त कर लिया है। जब तक यह हमारे साथियों को नहीं छोड़ते तब तक हम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही डटे रहेंगे। देर रात इन 6 लोगों को जमानत पर छोड़ा गया तब जाकर इन्होंने एसपी कार्यालय छोड़ा।

रहवासियों ने अमले को घेरा

खंडवा के रोहिणी गांव में वन परीक्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गए पुलिस, वन विभाग और राजस्व के अमले को विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस और वनविभाग के अमले ने घेराबंदी करते हुए अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा। करीब 90 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। जिसमें लगभग 19 टप्पर तोड़े गए। करीब 200 से अधिक वन विभाग और पुलिस का अमला कार्रवाई में लगा था।

सख्ती