शिवराज की मंत्रियों को नसीहत: तबादलों में पारदर्शिता बरतें, जिले में 2 दिन रुकें

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शिवराज की मंत्रियों को नसीहत: तबादलों में पारदर्शिता बरतें, जिले में 2 दिन रुकें

भोपाल. जिलों का प्रभार बांटने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को सीएम आवास पर भोज दिया। भोज में शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद रहें। रात्रि भोज के साथ राजनीतिक समन्वय बनाने की कोशिश गई। इस डिनर डिप्लोमेसी में मंत्रियों को नसीहत दी गई। प्रभारी मंत्री ट्रांसफर में पारदर्शिता बरतें। तय गाइडलाइन के अनुसार ही अधिकारियों, कर्मचारियों के ट्रांसफर हो। साथ ही निर्देश दिए कि अपने प्रभार वाले जिलों में 2 दिन एक रात रूके। सीएम आवास पर चार मंत्रियों का जन्मदिन भी मनाया गया। गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, रामखेलावन पटेल और गोविंद सिंह राजपूत का सीएम आवास पर केक काटा गया। बीते कुछ समय से कैबिनेट बैठकों में मंत्रियों के बीच हुई तीखी नोकझोंक और टिप्पणियों की खबरें बाहर आईं। वहीं, मंत्रियों के बयानों से सरकार की किरकिरी हुई है। लिहाजा डिनर को डैमेज कंट्रोल की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। पढ़ें, जिन मुद्दों पर खींचतान हुई...

कैबिनेट बैठकों में उठे बगावती सुर: नाराज हो गए थे गृह मंत्री

8 जून को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए। नर्मदा घाटी विकास योजना के 8800 करोड़ रुपए के दो प्रोजेक्ट को बजट से ज्यादा छूट देने के प्रस्ताव का नरोत्तम ने विरोध किया था। उनका कहना था कि जब सारे विभागों के बजट में कटौती की जा रही है तो इस विभाग में ही सरकार सीमा से आगे जाकर छूट देने पर क्यों मेहरबान हो रही है? मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से जवाब-तलब करने के बाद मिश्रा बैठक छोड़कर चले गए थे। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शिवराज मौन साधे रहे।

रेत के मुद्दे पर भी हुआ टकराव

22 जून को हुई कैबिनेट बैठक में रेत ठेकेदारों को छूट दिए जाने के प्रस्ताव पर भी कई मंत्री नाराज हो गए थे। तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का कहना था कि मोटी कमाई कर रहे रेत ठेकेदारों को छूट देने की क्या जरूरत है । बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल ने अवैध खनन, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने ओवर लोडिंग, एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने रेत के अवैध परिवहन का मुद्दा उठाया था।

यहां भी कैबिनेट बैठक में हुआ विवाद

29 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में तो विवाद की स्थिति बन गई। तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यशोधरा ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। जवाब देते हुए प्रद्युम्न सिंह ने एक साल में किए गए सुधार कार्यों का ब्यौरा देने की बात कही थी। इस दौरान विवाद आगे बढ़ गया। यशोधरा के तल्ख लहजे के आगे तोमर को खामोश होना पड़ा था।

शिक्षा मंत्री ने आपा खोया

बीते मंगलवार को ही स्कूल शिक्षा मंत्री का विवादित वीडियो वायरल हो गया था। दरअसल, निजी स्कूलों की मनमानी और फीस बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावक संघ स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिलने पहुंचा था। इसके बाद मंत्री और अभिभावक संघ के सदस्यों के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल हो गया। इसमें वो कहते सुनाई दे रहे है कि मरना है...तो मर जाओ।

सरकार में सबकुछ ठीक है?

कैबिनेट बैठकों और मीडिया के सामने मंत्रियों की बयानबाजी ने विपक्ष को मौका दिया और कांग्रेस हमलावर भी हुई। इन सभी घटनाक्रमों से जनता के बीच भी सरकार की इमेज को धक्का लगा है। मंत्रिमंडल के बीच बार-बार बन रही विवाद की स्थिति संकेत दे रही है कि सबकुछ ठीक नहीं है। लिहाजा चौथी पारी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संभलकर खेलने की जरूरत है। यही वजह है कि वो इस डिनर के जरिए बहुत कुछ साधने का कोशिश करेंगे। मंत्रियों को जिलों का प्रभार देते वक्त भी शिवराज ने बैलेंस बनाने की कोशिश की है।

शिवराज की मंत्रियों को नसीहत

सीएम आवास पर प्रभारी मंत्रियों का भोज हुआ। शिवराज ने प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि ट्रांसफर में पारदर्शिता बरतें। तय गाइडलाइन के अनुसार ही अधिकारियों, कर्मचारियों के ट्रांसफर हो। मंत्री ईमानदारी से अपने जिलों की जिम्मेदारी निभाएं। इसके साथ ही निर्देश दिए कि अपने प्रभार वाले जिलों में 2 दिन एक रात रूके।

30 में से 21 मंत्री ही पहुंचे

शिवराज ने बुधवार को जिलों के प्रभारी मंत्रियों की घोषणा के बाद 1 जुलाई की रात सभी मंत्रियों को डिनर पर बुलाया था। कुल 30 मंत्रियों में से 21 मंत्री सीएम हाउस पहुंचे। दरअसल, सीएम की तरफ से गुरुवार दोपहर 12 बजे मंत्रियों के पास संदेश पहुंचा। इसमें सीएम ने सभी मंत्रियों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा था। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव इस दौरान दिल्ली में थे। संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर पारिवारिक विवाह समारोह में व्यस्त थीं। इस तरह, व्यस्तता का हवाला देकर 9 मंत्री डिनर में शामिल नहीं हुए।

डिनर डिप्लोमेसी
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