भोपाल: प्रदेश में नर्सेस एसोसिएशन की हड़ताल जारी हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल के 8 वें दिन नर्सों का प्रदर्शन तेज हो गया। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार हमीदिया हॉस्पिटल में नर्सों ने जमकर नारेबाजी की। ये सभी नर्सेस एसोसिएशन वेतनमान समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। जिसके चलते प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने लगी है।
हाईकोर्ट में सुनवाई
नर्सों की हड़ताल के खिलाफ सरकार की तरफ से जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट ने एसोसिएशन की अध्यक्ष रेखा परमार को नोटिस जारी किया था। बुधवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट की सुनवाई में पेश हुई मप्र नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार को आदेश दिया है कि वे 8 जुलाई से काम पर लौटें। वहीं, सरकार को आदेश दिया कि वह हाई लेवल कमेटी बनाकर नर्सों की मांग का एक महीने के अंदर निराकृत करें।
ये हैं प्रमुख मांगें
नर्सों की प्रमुख मांग वेतनमान है, नर्सेस एसोसिएशन वेतन बढ़ौतरी की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में नर्सिंग कर्मचारियों का वेतन 15 से 20 हजार तक कम है। कोरोना काल में जान गंवाने वाले नर्सिंग स्टॉफ के परिजन को सम्मानित किया जाए और अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। नर्सों की उच्च शिक्षा के लिए उम्र का बंधन हटाया जाए और पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। कोरोना काल के चलते सभी नर्सों को दो वेतन वृद्धि दी जाए। कोरोना योद्धाओं के लिए की गई घोषणाओं पर मेडिकल कॉलेजों में स्वशासी के तहत नियुक्त नर्सों को सातवां वेतनमान 2018 की जगह 2016 से दिया जाए।