बड़े लोगों से सीखें, महत्वपूर्ण कामों को पूरा करके कैसे दिनभर रहें निश्चिंत

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बड़े लोगों से सीखें, महत्वपूर्ण कामों को पूरा करके कैसे दिनभर रहें निश्चिंत

प्रवीण कक्कड़। आजकल जो चुनौतियां हम सबके सामने हैं, उनमें से एक बड़ी चुनौती है वक्त की कमी। लोग अक्सर यह कहते सुने जाते हैं कि फलां काम करने का उन्हें वक्त ही नहीं मिला या फिर यह कि व्यस्तता इतनी ज्यादा है कि अमुक काम कर ही नहीं पाते। यह कहने के साथ लोग यह कहना भी नहीं भूलते कि काम करने का उनका मन तो बहुत था... मगर क्या ये सही तर्क है?

समय प्रबंधन है बेहद जरूरी

हमें पता है कि दिन में 24 घंटे होते हैं, उन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता। सोने, खाने, विश्राम और नित्य क्रिया के समय को भी कम नहीं किया जा सकता। जो लोग इसे कम करने का प्रयास करते हैं वे अनावश्यक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जकड़ में आ जाते हैं, तो फिर समय को कैसे साधा जाए! इसके लिए असल में जरूरत है कि समय को उपयोग में कैसे लाया जाए। अगर कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तित्व पर निगाह डालें तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तो जब भी कोई बैठे रहने वाला काम करते थे तो उस संवाद के बीच में वह सूत कातने या सब्जी काटने का काम भी कर लिया करते थे। सम्राट अकबर के बारे में कहा जाता है कि वह एक ही साथ सुन भी लेते थे, सोच भी लेते थे और बोल भी लेते थे। हम सब साधारण मनुष्यों के लिए यह बातें बहुत बड़ी हैं। हमारे लिए तो यही बेहतर है कि हम अपने दिनभर के कामों को सूचीबद्ध करने और तय समय पर तय काम करते चलें। आप जैसे— जैसे ऊंचे पदों की ओर बढ़ते जाते हैं, आप के समय प्रबंधन का महत्व उतना ही ज्यादा होता जाता है। अगर कोई व्यक्ति अकेले काम करता है और वह अपने काम में आधा घंटा लेट हो जाता है तो वह अपने आधे घंटे की क्षति करता है। लेकिन अगर कोई वरिष्ठ अधिकारी आधे घंटे की देरी से मीटिंग में पहुंचता है तो वह मीटिंग में मौजूद सभी 10 लोगों का आधा-आधा घंटा खराब करता है।  

ध्यान सिर्फ जरूरी कामों पर केंद्रित करें

आप सबने अपने तजुर्बे से देखा होगा कि आप कोई महत्वपूर्ण संदेश देखने के लिए फोन खोलते हैं, लेकिन उस संदेश तक पहुंचने से पहले ही बहुत से नोटिफिकेशंस आपके सामने आ जाते हैं। ऐसे में आप मैसेज की जगह फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पर खुद को पाते हैं। कुछ देर बाद आपको यह सोचना पड़ता है कि आखिर किस लिए आप ने फोन उठाया था, तब थोड़ी देर में जाकर याद आता है कि कोई महत्वपूर्ण संदेश आया था जिसे आप देखना चाहते थे। यह समय की ऐसी बर्बादी है जिसके लिए आप अकेले दोषी नहीं है, यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है जो आपसे आपके समय की डकैती कर लेता है। तो फिर क्या किया जाए? ना तो हम फोन का इस्तेमाल करना छोड़ सकते हैं, ना हम इंटरनेट का और ना हम अपने उच्चाधिकारियों को मीटिंग में समय पर आने के लिए आदेशित कर सकते हैं और कई बार तो मित्रों के आग्रह को भी नहीं टाल सकते। ऐसे में हमें खुद को व्यवस्थित करना होगा और अपनी जरूरी कामों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आप देखते होंगे की हजारों की भीड़ के बीच खेलते हुए क्रिकेटर का ध्यान भंग नहीं होता, लाखों की भीड़ और शोर के बीच भाषण देता हुआ नेता अपनी बात पर कायम रहता है, जाड़ा और घाम झेलने के बावजूद एक सैनिक मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी पर तैनात रहता है। क्यों, क्योंकि इन सबने अपने दिन के सबसे महत्वपूर्ण कार्य तय कर लिए हैं और उन्हें निभाने का प्रण ले लिया है। अगर हम सबसे पहले अपने सबसे महत्वपूर्ण काम निपटा लें तो बाद की बाधाओं को डिस्टर्ब करने के लिए महत्वपूर्ण काम बचेंगे ही नहीं। इसलिए अपने काम का रूटीन इस तरह बनाइए की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले काम सबसे पहले कर लिए जाएं।

Praveen Kakkar Motivation Time Management