पहाड़ों में तलाशा बिजनेस: MP के पातालकोट की घाटियों में बना रहे इको फ्रेंडली दौना

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पहाड़ों में तलाशा बिजनेस: MP के पातालकोट की घाटियों में बना रहे इको फ्रेंडली दौना

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा की तलहटी में बसा पातालकोट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां की खूबसूरत घाटियां लोगों की लुभाती है। पातालकोट के रातेड़ गांव के किसान सुकनसी ने इन्ही वादियों से रोजगार तलाशा है। जो पर्यावरण को बचाता भी है। सुकनसी ने दौना बनाने का कारोबार शुरू किया। वह पत्तों से इको-फेंडली दौना तैयार करते हैं। और होटलों रेस्टोरेंटों में सीधा बेचते हैं।

खेती से शिफ्ट किया बिजनेस

पहाड़ी घाटी के कारण खेती करना आसान नहीं था। इसमें जिंदगी गुजारना भी मुश्किल होता जा रहा था। इन्होंने पत्तों के दौने बनाना शुरू किया। सुकलशी बताते हैं कि दौने बनाने के लिए, वह जंगल में मौजूद माहुल के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं। उनके चार बेटे भी इस काम में उनका साथ देते हैं। फ़िलहाल वह खेती करने के साथ-साथ दौने बनाने का काम भी कर रहे हैं। वह 60 रूपए में 100 दौने बेचते हैं। बाहर से आने वाले लोगों में उनके दौनों की अच्छी खासी डिमांड है। वह अपने से काम से प्रकृति को बचाने के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी कमा ले रहें हैं। सुकलसी को देखते हुए बाकि लोगों ने दौना बनाने का कारोबार शुरू किया। हालांकि कोरोना के कारण उनका कारोबार प्रभावित हुआ है। लेकिन उन्होंने इस बीच काफी संख्या में दौना तैयार कर लिए है। जिन्हें बाजार में बेचा जाएगा।

पर्यावरण को नहीं होता नुकसान

पातालकोट के आस-पास के होटल्स वाले भी इनसे दौने खरीदते हैं। बाहर से आने वाले लोग भी इनसे दौना खरीद ले जाते हैं। प्लास्टिक की जगह इन ईको-फ्रैंडली दौनों के इस्तेमाल से प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाता है। पत्तों से बने इन दौनों को उपयोग के बाद फेंक भी सकते हैं। इनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।

जहां चाह-वहां राह
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