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उत्तराखंड की देवेश्वरी ने बचपन में एक सपना देखा था। पहाड़ों की गोद में जाकर उनकी ऊंचाई की जीत लेने का सपना। उन्होंने अपने इसी जुनुन को करियर बनाया और आज देवेश्वरी अपने शौक से लाखों कमा रही है। देवेश्वरी हाइड्रो पावर में नौकरी कर रही थी। इसी दौरान उन्होंने अलग-अलग जगहों की यात्रा करना शुरू किया। देवेश्वरी कहती है कि मैं शुरुआत में सिर्फ घूमना चाहती थी लेकिन फिर यह शौक एक तरह से जुनून में बदलता गया। उत्तराखंड में ट्रैकिंग के लिए जितनी भी जगहें हैं। मैं लगभग सभी जगह पर गई हूं।
'ट्रेकिंग गर्ल' बनने की कहानी
2016 में उन्होंने नौकरी छोड़कर 'द ग्रेट हिलालयव जर्नी' के नाम से स्टार्टअप शुरू किया। इस स्टार्टअप के जरिए वह लोगों की उत्तराखंड के अलग-अलग इलाके में ट्रैकिंग की व्यवस्था करती हैं। कई बार वह खुद उनके साथ ट्रैकिंग पर जाती हैं। इसी दौरान उन्होंने पूरा उत्तराखंड घूमा। देवेश्वरी को 'ट्रैकिंग गर्ल' के नाम से जाना जाता है। वो कहती है कि मुझे पहाड़ों से प्रेम है और इनकी गोद में ही मुझे खुशी मिलती है।
रोजगार दे रही
देवेश्वरी बताती है कि जो लोग ट्रेकिंग के लिए आते हैं। उन लोगों को स्थानीय लोगों के यहां खाना खिलाया जाता है। गांवों की मिलने वाली कलाकारी को वो खरीदकर अपने साथ ले जाते हैं। बाहर से उत्तराखंड घूमने वाले लोगों को गांवों में ही रोका जाता है। इससे स्थानीय लोगों को अच्छा खासा रोजगार मिलता है।
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