मुरैना में पहला चुनाव 1957 में हुआ था और तब ये सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी.. इसलिए यहां दो विधायक चुने गए थे... 1962 से लेकर 1980 तक ये सीट केवल दो विधायकों के बीच रही जबर सिंह और महाराज सिंह.. जबर सिंह जनता पार्टी, जनसंघ और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और महाराज सिंह भी जनसंघ और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े...1985 के बाद इस सीट पर बदलाव हुआ...साल 2020 में दल बदल के बाद इस सीट से कांग्रेस के राकेश मावई ने जीत दर्ज की.. हाल ही में हुए निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने किला फतह किया...केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ में कांग्रेस की जीत से बीजेपी चिंतित है... साल 2023 में जनता किसे चिंता में डालेगी और किसे सत्ता सौंपेगी, जानने के लिए देखिए...
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