दीपेंद्र सिंह राजपूत । भोपाल. सरकार का परिवहन विभाग बसों में यात्रियों के जीवन की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक बेहद जरूरी निगम लागू कराना भूल गया है। प्रदेश में 2015 में पन्ना में हुए भीषण बस हादसे में 40 लोगों के जिंदा जलने के बाद तय किया गया था कि अब हर यात्री बस में एंट्री और एग्जिट के लिए दो अलग-अलग गेट लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा ऑपरेटर को बस के पिछले हिस्से में दायीं ओर एक इमरजेंसी एग्जिट विंडों का भी प्रावधान करना होगा। सरकार के राजपत्र में दर्ज इस नियम का प्रदेश के बस ऑपरेटर कितनी गंभीरता से पालन कर रहे हैं यह जानने के लिए द सूत्र की टीम ने राजधानी के आईएसबीटी (ISBT Bhopal) से संचालित बसों का मुआयना किया तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। अधिकांश बसों में अभी भी दो अलग-अलग गेट के बजाय एक ही गेट लगा है और इमरजेंसी एग्जिट विंडो के नाम पर बस ऑपरेटर दिखावा कर रहे हैं।
हादसों के बाद भी नहीं लिया सबकः MP में बिना इमरजेंसी गेट, विंडो के फर्राटा भर रहीं हैं यात्री बसें
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