मालवा-निमाड़ के नतीजेः BJP को 3 सीटों का नुकसान, कांग्रेस को 2 का फायदा, जयस भी मैदान में

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मालवा-निमाड़ के नतीजेः BJP को 3 सीटों का नुकसान, कांग्रेस को 2 का फायदा, जयस भी मैदान में

भोपाल। द सूत्र के मध्यावधि-2021 के नतीजों (Mid term Election Result) के मुताबिक यदि अभी विधानसभा चुनाव होते हैं तो मालवा-निमाड़ (Malwa Nimar Voters Mood) अंचल में बीजेपी को मौजूदा 33 सीटों के मुकाबले 3 सीट का नुकसान हो रहा है। यानि उसकी सीटें 33 से घटकर 30 हो रही हैं। इसके मुकाबले में कांग्रेस (Congress) को मौजूदा 30 सीटों के मुकाबले 2 सीट का फायदा हो रहा है। यानि इस क्षेत्र में कांग्रेस की सीटें 30 से बढ़कर 32 हो रही हैं। मालवा-निमाड़ की 66 सीटें मप्र के विधानसभा चुनाव (Malwa Nimar Election Result) में अहम भूमिका निभाती हैं। इस अंचल में 15 जिले (आगर, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, धार, इंदौर (Indore), झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मन्दसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन (Ujjain)) आते हैं। इस समय मालवा निमाड़ की मौजूदा 66 सीटों में से बीजेपी के पास 33 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 30 और तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में हैं।

जयस की बढ़ती पैठ बीजेपी- कांग्रेस के लिए चुनौती

मध्यावधि चुनाव 2021 (madhyawadhi 2021) के नतीजों के मुताबिक BJP 30 सीटें जीत सकती है और कांग्रेस 32 सीटें। इस अंचल में जयस (JAYS) को एक और निर्दलीयों को 3 सीटें मिल सकती हैं। मालवा-निमाड़ आदिवासी सियासत (Tribal Politics) का गढ़ है। इस क्षेत्र में विधानसभा की कुल 66 सीटों में से 35 सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए हैं। जबकि 22 सीटें आदिवासियों (ST) और 9 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। यही सीटें चुनाव में हार-जीत का फैसला करती हैं। आइए अब नजर डालते हैं इस अंचल में मध्यावधि चुनाव के उन खास नतीजों पर जो आपके लिए जानना जरूरी है। 

मालवा-निमाड़ के 10 में से 9 मंत्री जीते

इंदर सिंह परमार -  शुजालपुर  - जीते
तुलसी सिलावट-     सांवेर -       जीते
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव – बदनावर – जीते 
कुंवर विजय शाह – हरसूद - जीते
प्रेम सिंह पटेल – बड़वानी - हारे
उषा ठाकुर – महू (अंबेडकर नगर) - जीतीं
डॉ. मोहन यादव – उज्जैन दक्षिण - जीते
जगदीश देवड़ा – मल्हारगढ़ - जीते
हरदीप सिंह डंग – सुवासरा - जीते
ओम प्रकाश सकलेचा – जावद – जीते

प्रमुख विधानसभा सीटों पर ये जीते - ये हारे

विपिन वानखेड़े - आगर, कांग्रेस - जीते
हुकुम सिंह कराड़ा- शाजापुर, कांग्रेस - जीते
इंदर सिंह परमार- शुजालपुर, बीजेपी - जीते
कुणाल चौधरी - कालापीपल, कांग्रेस - जीते
सज्जन सिंह वर्मा - सोनकच्छ, कांग्रेस - जीते
गायत्री राजे - देवास, बीजेपी - जीते
कुंवर विजय शाह- हरसूद, बीजेपी - जीते
सुरेंद्र सिंह शेरा- बुरहानपुर, निर्दलीय - जीते
विजय लक्ष्मी साधौ – महेश्वर, कांग्रेस - जीतीं
सचिन यादव – कसरावद, कांग्रेस - जीते
बाला बच्चन – राजपुर, कांग्रेस - जीते
कांतिलाल भूरिया – झाबुआ, कांग्रेस- हारे
प्रताप ग्रेवाल – सरदारपुर, कांग्रेस - जीते
उमंग सिंघार- गंधवानी, कांग्रेस - जीते
सुरेंद्र सिंह बघेल- कुक्षी, कांग्रेस - जीते
डॉ. हीरालाल अलावा- मनावर, निर्दलीय - जीते
नीना विक्रम वर्मा – धार, बीजेपी - जीते
संजय शुक्ला – इंदौर -1, कांग्रेस - जीते
रमेश मेंदोला – इंदौर-2, बीजेपी - जीते
आकाश विजयवर्गीय – इंदौर-3, बीजेपी - जीते
मालिनी गौड़ – इंदौर-4, बीजेपी - जीतीं
महेंद्र हार्डिया – इंदौर -5, बीजेपी - हारे
जीतू पटवारी – राउ, कांग्रेस - जीते
पारस चंद्र जैन – उज्जैन उत्तर, बीजेपी - जीते
चेतन्य कश्यप – रतलाम शहर, बीजेपी - जीते
यशपाल सिंह सिसौदिया – मंदसौर, बीजेपी - जीते
जगदीश देवड़ा – मल्हारगढ़, बीजेपी - जीते
हरदीप सिंह डंग – सुवासरा, बीजेपी - जीते

आइए अब आपको बताते हैं मध्यावधि चुनाव-2021 के लिए द सूत्र के सवाालों पर मालवा-निमाड़ के लोगों की क्या राय है।  

54 फीसदी लोगों की पसंद कांग्रेस, 37 फीसदी की BJP

54 प्रतिशत- कांग्रेस
37 प्रतिशत - बीजेपी
6 प्रतिशत - जयस
3 फीसदी - आप

55 फीसदी लोगों को मानना मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना जरूरी

55 फीसदी - मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना जरूरी
41 प्रतिशत - शिवराज ही रहें सीएम 
4 प्रतिशत - कुछ कह नहीं सकते

43 फीसदी की राय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या 

कानून व्यवस्था - 5 फीसदी
बेरोजगारी - 43 फीसदी
भ्रष्टाचार - 18 फीसदी
महंगाई - 24 फीसदी
सड़क - 4 फीसदी
सांप्रदायिकता - 6 फीसदी 

54 फीसदी लोग कोरोना संकट में सरकार की भूमिका से नाखुश

41 फीसदी- संतुष्ट
5 फीसदी - कह नहीं सकते

45 फीसदी लोगों ने माना ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस ज्यादा गंभीर 
45 फीसदी- कांग्रेस
29 फीसदी- बीजेपी
26 फीसदी-  दोनों ही पार्टियां राजनीति कर रही हैं

48 फीसदी लोग अपने विधायक के कामकाज से संतुष्ट
48 फीसदी- विधायक के कामकाज से संतुष्ट
47 फीसदी- असंतुष्ट
5 फीसदी - पता नहीं

46 फीसदी कोरोना काल में विधायक के कामकाज से संतुष्ट 

46 फीसदी - ठीक रहा
45 फीसदी - ठीक नहीं रहा
9 फीसदी - काम औसत ही रहा

48 फीसदी लोगों ने अपने विधायक को ईमानदार माना 

48 फीसदी - ईमानदार
32 फीसदी - भ्रष्ट
20 फीसदी - पता नहीं

आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है मकसद

मध्यावधि चुनाव-2021 (Thesootr Mid term Election Result) की इस पूरी कवायद के माध्यम से द सूत्र का असल मकसद आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है। इसके लिए सभी पाठकों से विनम्र आग्रह है कि आप चुनाव में वोट देकर पांच साल भूलिए मत बल्कि आपका कीमती वोट लेकर जनसेवा (public service) के नाम पर विधानसभा में पहुंचने वाले अपने नुमाइंदों (public representative) के कामकाज का निरंतर मूल्यांकन करिए। उम्मीद है आप लोकतंत्र (democracy) को स्वस्थ और जीवित बनाए रखने के लिए एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक (responsible citizen) के रूप में यह जरूर करेंगे। 

मध्यावधि-2021 के नतीजेः फिर बहुमत के आंकड़े से दूर BJP को 20 सीटों का नुकसान, कांग्रेस को 23 का फायदा

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