News Strike : शहजाद अली की कोठी पर चला बुलडोजर तो कांग्रेस ने क्यों कर डाली ये बड़ी मांग ?

मध्यप्रदेश में बुलडोजर मंत्री की पहचान कोई नई नहीं है। सबसे पहले बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बाबू लाल गौर ने ये पहचान हासिल की थी। उस वक्त वो प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री थे। उनके राज में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलता था...

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Harish Divekar
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News Strike : यूपी के सियासी मैदान की जमीन पर बहुत बाहर उथल पुथल मचाने वाला बुलडोजर मध्यप्रदेश की सियासत में दाखिल हो ही चुका है। बुलजोडर सीएम बने योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बुलडोजर वाली इमेज बनाने की कोशिश की। पर खास कामयाब नहीं हो सके। अब सीएम मोहन यादव के कार्यकाल में बुलडोजर खूब गरज रहा है। इसकी गूंज अब दिल्ली तक सुनाई दे रही है और सोशल मीडिया पर इसकी धमक सुनाई दे रही है। इस बार सीएम मोहन यादव का बुलडोजर चला शहजाद अली की आलीशान कोठी पर। कौन है ये शहजाद अली जो ठेले पर पुराने कपड़े बेचते-बेचते अपने इलाके के मुसलमानों का रहनुमा बन गया और क्यों उसकी कोठी पर बुलडोजर चला तो दर्द कांग्रेस को महसूस हुआ।

उत्तरप्रदेश सरकार ने गौर की इमेज की हाईजैक

मध्यप्रदेश में बुलडोजर मंत्री की पहचान कोई नई नहीं है। सबसे पहले बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बाबू लाल गौर ने ये पहचान हासिल की थी। उस वक्त वो प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री थे। उनके राज में अतिक्रमण करने वालों पर तेजी से बुलडोजर चलता था और उनकी पहचान ही बुलडोजर मंत्री की हो गई। हालांकि, बाद के कुछ कार्यकाल में उनकी ये पहचान फीकी पड़ी और उत्तरप्रदेश की सरकार ने उनकी इमेज को हाईजैक कर लिया। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बुलडोजर को सुर्खियां कुछ अलग तरह से मिलीं। अब उसी गर्जना के साथ मध्यप्रदेश में बुलडोजर जस्टिस की वापसी हो रही है। पिछले तीन चार दिन से बुलडोजर मध्यप्रदेश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। असल में बुलडोजर इस बार ऐसे शख्स के मकान पर चला है जो थोड़ा रसूखदार था और कांग्रेस का करीबी भी। इस वजह से कांग्रेस बुलडोजर जस्टिस पर सवाल उठा रही है।

शहजाद अली का छतरपुर स्थित घर गिरा दिया गया

हाजी शहजाद अली की अगुवाई में मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग थाने का घेराव करने पहुंचे इसी बीच पथराव हो गया। इसके बाद शासन प्रशासन का गुस्सा हाजी शहजाद अली पर फूट पड़ा। आपको बता दें रामेगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक  टिप्पणी की थी। जिसके खिलाफ ये सभी लोग नाराजगी जता रहे थे, लेकिन तरीका थोड़ा हिंसक हो गया। गुस्साई भीड़ बेकाबू हुई तो बुलडोजर का इंसाफ सड़कों पर उतरा। हाजी शहजाद अली का छतरपुर स्थित घर गिरा दिया गया। घर क्या इसे आलीशान महल या कोठी कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। इस कोठी की कीमत करीब दस करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इस कोठी के अंदर तीन लग्जरी कारें भी मौजूद थीं। कोठी के साथ-साथ कारें भी जमीदोज हो गईं। हालांकि, बताया ये भी जा रहा है कि हाजी शहजाद अली और उसका परिवार इस कोठी में नहीं रहता था। फिलहाल कंस्ट्रक्शन का काम जारी था इसलिए कोठी खाली ही थी।

25 साल पहले शहजाद अली ठेले पर पुराने कपड़े बेचाता था

इस बुलडोजर के चलने के बाद कांग्रेस ने फिर से बवाल मचा दिया है। कांग्रेस ने क्या कार्रवाई की है। वो जानने से पहले ये समझ लीजिए कि हाजी शहजाद अली की कोठी पर बुलडोजर चला तो कांग्रेस को इससे क्यों दिक्कत हुई। इसके लिए ये समझना जरूरी है कि हाजी शहजाद अली है कौन। हाजी शहजाद अली छतरपुर का रहने वाला है। कुछ पुराने परिचित लोगों का दावा है कि अब से करीब 20 से 25 साल पहले हाजी शहजाद अली और उसका परिवार ठेले पर पुराने कपड़े बेचा करता था। उसका भाई फैयाद ऑटो चलाता था। इस काम के साथ-साथ इस परिवार के लोग मुस्लिम समाज के लोगों के दुख दर्द का हिस्सेदार बनते थे और जरूरत पड़ने पर उनके लिए आवाज भी उठाते थे। इस वजह से धीरे-धीरे हाजी शहजाद अली की पैठ मुस्लिम समाज में गहरी होती गई और उसे मुस्लिम समुदाय का सदर मान लिया गया। इसके बाद हाजी शहजाद अली की नजदीकियां कांग्रेस नेताओं से बढ़ीं। उन्हें पूर्व कांग्रेसी मुन्ना राजा और कांग्रेस नेता आलोक चतुर्वेदी का नजदीकी भी बताया जाता है। वर्तमान में वही कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष भी है।

शहजाद अली के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर किया जारी

शहजाद अली पर आरोप है कि शहर के कोतवाली इलाके में हुआ पथराव उसी के इशारे पर हुआ है। शहजाद अली के अलावा पुलिस ने 50 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। 150 लोग ऐसे हैं जिन पर बीएनएस के तहत मामला दर्ज हुआ है। इस घटना के बाद से हाजी शहजाद अली फरार बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस भी आसानी से मानने वाली नहीं है। कांग्रेस नेता पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी जारी है। छतरपुर एसपी अगम जैन ने मीडिया को जानकारी दी है कि शहजाद अली के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। असल में पुलिस को शक है कि शहजाद अली देश छोड़कर भी जा सकता है। उसकी वजह है कि शहजाद अली के इंटरनेशनल कनेक्शन्स। जिन्हें देखते हुए पुलिस ने नोटिस जारी किया है और शहजाद अली के संभावित ठिकानों पर छापे मारी भी जारी है। कोशिश यही है कि जल्द से जल्द शहजाद अली को गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस की कोशिश शहजाद अली को गिरफ्तार करने की है तो शहजाद अली खुद को निर्दोष साबित करने की पूरी कोशिश कर रहा है। उसने एक वीडियो  शेयर किया है जो जिसमें वो खुद बेगुनाह बता रहा है और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ये परंपरा गलत

शहजाद अली का वीडियो कब रिलीज हुआ। रिलीज करने की लोकेशन क्या है। पुलिस इसका पता लगाने में जुट गई है। इसी बीच कांग्रेस ने भी इस मुद्दे में छलांग लगा दी है। कांग्रेस खुलकर हाजी शहजाद अली के पक्ष में सड़क पर उतर आई है। सिर्फ इतना ही बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ भी कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में मध्यप्रदेश के डीजीपी को ज्ञापन सौंपा है जिसमें बुलडोजर जस्टिस की आलोचना की है। खुद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे गलत परंपरा करार दिया है। जीतू पटवारी ने इस बारे में कहा कि मध्यप्रदेश के प्रशासन को सेवा नियमों का पालन करना चाहिए। अगर पुलिस ही अदालत की तरह काम करेगी तो कानून कैसे बचेगा। नेशनल लेवल पर संविधान बचाने का मुद्दा उठा रही कांग्रेस के नेता ने कहा कि ये मुद्दा राजनीतिक या सामाजिक नहीं है बल्कि, संविधान की रक्षा करने का भी है। पटवारी ने पुरानी घटनाएं भी याद दिलाईं कि ऐसा भिंड, मुरैना, सागर और ग्वालियर में हो चुका है। बुलडोजर से घर गिराने की परंपरा गलत है। इस पर अगर पार्टी की सुनवाई नहीं होती है तो कांग्रेस अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए भी तैयार है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी X पर किया पोस्ट 

इस मुद्दे पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर पर पोस्ट किया है। हालांकि, उनके पोस्ट में कहीं छतरपुर का नाम नहीं है और न ही हाजी शहजाद अली का जिक्र है, लेकिन बुलडोजर जस्टिस पर सवाल उठाने की उनकी टाइमिंग को देखते हुए उस पोस्ट को इसी घटना से जोड़ा जा रहा है। आप देखिए प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा है। उन्होंने लिखा है कि अगर कोई अपराध करता है तो उसकी सजा सिर्फ अदालत ही तय कर सकती है। आरोपी के परिवार को सजा देना या छत छीन लेना, आरोप लगते ही घर ढहा देना, ये कोई न्याय नहीं है। उन्होंने आगे ये भी लिखा है कि कानून के रखवालों और कानून तोड़ने वालों में फर्क होना चाहिए। सरकारें किसी अपराधी की तरह बर्ताव नहीं कर सकती हैं। आखिर में उन्होंने लिखा है कि बुलडोजर का न्याय पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसे बंद होना चाहिए। प्रियंका गांधी के ट्वीट से साफ है कि अब बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ कांग्रेस शांत रहने वाली नहीं है। हाजी शहजाद अली का केस इस मुद्दे के लिए पार्टी का जरिया भर है। हालांकि, प्रदेश के मुखिया मोहन यादव इस मुद्दे पर सख्त तेवल जता चुके हैं। उन्होंने साफ कहा कि कानून से बड़ा कोई भी नहीं हो सकता। जो भी कार्रवाई हुई है संविधान के तहत ही हुई है। अगर कोई नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करता है या विधिवत मंजूरी नहीं लेता है तो प्रशासन को भी अपना काम करने की पूरी छूट है। 

सीएम के रवैये से साफ है कि फिलहाल वो ऐसे आरोपियों के खिलाफ नरम रुख अपनाने के मूड में नहीं है। वहीं, कांग्रेस के रुख से भी ये क्लियर है कि आने वाले दिनों में बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ पार्टी के तेवर और उग्र हो सकते हैं। आगे बुलडोजर की राजनीति क्या रंग लाती है और क्या उत्तरप्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी बुलडोजर का इंसाफ बढ़ चढ़कर बोलता है ये देखना दिलचस्प होगा।

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