Bhopal। ग्वालियर चंबल में सिंधिया की कमी पूरी करने की कांग्रेस पहले भी कोशिश करती रही है। खुद कमलनाथ ने ये ऐलान किया था कि अब ग्वालियर चंबल की फिक्र करना उनका काम है। कुछ दौरे भी किए लेकिन बात नहीं बन सकी। तकरीबन दो महीने पहले कांग्रेस ने जनआक्रोश रैली भी निकाली। लेकिन अब तक वो जादू नहीं चला जो सिंधिया के रहते नजर आता था। शायद अब नए पद के साथ गोविंद सिंह कोई ऐसी छड़ी घुमा सकें कि ग्वालियर चंबल में कांग्रेस फिर पुरानी जीत की उम्मीद कर सके। गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी को लेकर कुछ यही माना जा रहा है।