SATNA. यह किस्सा परिवर्तन की ओर कदम का है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे जिले के जिस हिस्से की आवोहवा में दशकों तक बारुदी गंध आती रही हो उस हिस्से में अभी कुछ ही दिन पहले ही गोलियों की गड़गड़़ाहट में लगाम लग सकी है। यह और बात है कि छुटैत कभी कभार बिलों से बाहर आ जाते हैं लेकिन उनका फन कुचला जाय इससे पहले ही मौन हो जाते हैं। यही वजह है कि कभी दहशतजदा रहे लोग अब खुले आसमान में उड़ने को तैयार हैं। इसकी शुरूआत एक बिटिया ने की है। किस्से के इस हिस्से में बात सतना जिले के उस गांव की जहां से आदमखोर डकैत रागिया का नाता है। हां, वही रागिया जिसे सुंदर पटेल के नाम से भी जाना जाता है। जहां वो रहता था उस गांव का नाम है टेढ़ी पतवानिया। इसी गांव की रहने वाली 22 साल की बिटिया शांति देवी पटेल पंचायत के रण में शामिल हो चुकी है।
10 प्रत्याशियों में पढ़ी लिखी, उम्र भी कम
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के तपोस्थली चित्रकूट के कुछ दूर पहले ही गुप्त गोदावरी मार्ग में टेढ़ी पतवानियां गांव है। इस ग्राम पंचायत से इस बार सरपंच पद के लिए 10 प्रत्याशी मैदान में है। ओबीसी महिला के लिए आरक्षित इस पद के लिए आवेदन करने वाले महिला प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी शांति देवी पटेल हैं। इनके अलावा अन्य असाक्षर हैं या फिर अपेक्षाकृत कम पढ़ी लिखी हैं। शांति ग्रामोदय विश्वविद्यालय से कला में स्नातक, कम्प्यूटर में डिप्लोमा, आईटीआई कर चुकी हैं। इन दिनों वह कला में परास्नातक की डिग्री ले रही हैं।
13 साल पहले रागिया की पत्नी थी सरपंच
टेढ़ी पतवानियां पंचायत पटेल बाहुल्य है। इस गांव में दुर्दांत डकैत सुंदर पटेल भी रहता था। जिस समय वह तराई में बादशाहत कायम कर रखा था उस समय उसने अपनी पत्नी को ही सरपंच का चुनाव जितवाया था। बंदूक की नोक की दम पर रागिया ने 13 साल पहले वर्ष 2009 में पत्नी गोदाबाई को सरपंच का चुनाव जितवाया था। पत्नी से पहले घर में काम करने वाली फागुनिया मवासी को 2004 में सरपंच बनाया था। इसके बाद उसके रिश्तेदार भी सरपंच रहे। बताते हैं कि वर्ष 2014 में रागिया का भतीजा जीतू प्रधान सरपंच बना था।
4 गांव की पंचायत, 1561 वोटर
टेढ़ी पतवानियां पंचायत में चार गांव आते हैं जिसमें पुरवा खेर, अमहा, टेढ़ी और पतवानियां। इन गांवों को मिलाकर करीब 2800 जनसंख्या हैं। इसमें से 1561 वोटर हैं। शांति के अलावा तुलसा पटेल, गुड़िया पटेल, देवकी पटेल, अंबिका पटेल, आशा पटेल, लक्ष्मनिया हरिजन, अनुराधा, प्रेमता पटेल और बिलनिया पटेल मैदान में हैं।
कौन था रागिया उर्फ सुंदर पटेल
डकैत ददुआ और ठोकिया गैंग से दहशत का कखग सीख कर आए सुंदर पटेल ने विरासत संभाल ली थी। बताते हैं कि 18 मार्च 2009 को बिछियन में लल्लू गोंड के परिवार को आग लगा कर मार डाला था। इस आग में 12 लोग जिंदा जल गए थे। इसके बाद भी यूपी के दो पुलिस वालों को जिंदा जला दिया था। 24 दिसम्बर 2011 को एसटीएफ ने मार गिराया था। इसके बाद सुंदर पटेल उर्फ रागिया के सौतेले भाई सुदेश पटेल उर्फ बलखडिय़ा ने तराई संभाली थी।
ठोकिया का भाई भी बना प्रधान
केवल रागिया के परिवार से ही सरपंच नहीं बने। ठोकिया का सगा भाई भी अब ग्राम का प्रधान है। बताया गया है कि डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया का भाई दीपक पटेल उत्तर प्रदेश के कर्वी जिले में आने वाले गांव बदरी का प्रधान है। यह पंचायत टेढ़ी पतवानिया के उस पार है।