एससी बहुल डोंगरगढ़ सीट पर है कांग्रेस की मजबूत पकड़, बीजेपी के पास मजबूत चेहरे की दरकार  

author-image
Vivek Sharma
एडिट
New Update
एससी बहुल डोंगरगढ़ सीट पर है कांग्रेस की मजबूत पकड़, बीजेपी के पास मजबूत चेहरे की दरकार  



DONGARGARH. डोंगरगढ़ विधानसभा छत्तीसगढ़ की वह सीट है जो महाराष्ट्र से सीधी जुड़ी हुई है। यहां प्रसिद्ध देवी मंदिर है जिसे बम्लेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई अन्य जगहों से यहां श्रद्धालु आते हैं। राजनांदगांव जिले की इस विधानसभा सीट का प्रदेश में अहम स्थान है।





सियासी मिजाज 





 साल 1952 में डोंगरगढ़ सीट का अस्तित्व में आई तब से लेकर आपातकाल के पहले तक यहां से एकतरफा कांग्रेस उम्मीदवार जीत दर्ज करते आए। साल 1977 में इस सीट से जनता पार्टी के विनायक मेश्राम ने जीत दर्ज की। 1980 से 1998 तक यह फिर डोंगरढ़ सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। कांग्रेस का यह गढ़ 2003, 2013 में टूटा लेकिन 2018 में यह सीट फिर कांग्रेस को मिली।





यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी रहे पीएल पुनिया की छुट्टी, कुमारी शैलजा को दी जिम्मेदारी, केसी वेणुगोपाल ने जारी किए आदेश





सियासी समीकरण 





 कांग्रेस की इस परंपरागत सीट पर बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती चेहरा है। हालांकि बीजेपी ने साल 2003 से लेकर 2013 तक इस सीट को अपने कब्जे में रखा। बीजेपी की सरोजनी बंजारे 2013 में यहां से जीती। 2008 में रामजी भारती जीती तो वहीं 2003 में विनोद खांडेकर भी यहीं से बीजेपी के टिकट पर जीते थे। याने हर चुनाव में बीजेपी ने यहां से चेहरा बदला था..जिसके चलते ये सीट बीजेपी के कब्जे में रही। साल 2018 में फिर से कांग्रेस के भुवनेश्वर ने जीत दर्ज की।





जातिगत समीकरण 





 यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां अजा वर्ग के करीब 42 फीसदी मतदाता हैं, जबकि 10 फीसदी वोटर्स अजजा वर्ग के हैं। यहां करीब 40 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से है।  तो वहीं सामान्य वर्ग के करीब 9 फीसदी हैं।





मुद्दे 



 इलाके में जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है तो वहीं इलाके में विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर भी जनता ने अपनी बात रखी। यहां  नशा बेहद आसानी से उपलब्ध है जिसके कारण इलाके में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है तो वहीं सड़क-बिजली-पानी-रोजगार जैसे मुद्दों पर भी जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।



इन सब मुद्दों पर जब हमने दोनों दलों के नुमाइंदो से बात की तो आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया। जानिए क्या बोले कांग्रेस और बीजेपी के स्थानीय नेता।





इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ सवाल निकल कर आए...







  •  नरवा गुरवा जैसी फ्लैगशिप योजना बेहाल है, आपका पक्ष क्या है ?



  •  आपकी इलाके उपस्थिति कम रहती है, ऐसा क्यों ?


  •  शराब की व्यापक मौजूदगी है, आप इसे क्यों रोक नहीं पाते ?


  •  आपके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इस पर आप क्या कहेंगे?


  •  गोबर खरीदी योजना में गड़बड़ी है, इस पर आप क्या कहेंगे?






  • इन तमाम सवालों के जवाब में विधायक भुवनेश्वर बघेल क्या बोले, आइए आपको सुनाते हैं।







    • 'हमने संस्कृति, प्रकृति के साथ प्रगति पर ध्यान दिया'



  • 'इलाका काफी बड़ा है, ग्रामीण इलाकों में ज्यादा रहता हूं' 


  • 'शराब को लेकर नियंत्रण में है स्थिति'


  • 'बीजेपी राज में गांव-गांव में आसानी से मिलती थी शराब'


  • 'कांग्रेस सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ'


  • 'रमन सिंह खुद अपने लोगों को कमीशन खाना बंद करने बोले थे'


  • 'शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने बेहतर काम किया'


  • 'गोबर खरीदी योजना में बीजेपी के आरोप आधारहीन'






  • #MOOD_OF_MP_CG2022 #MoodofMPCG



     



    CG News छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव Chhattisgarh Assembly Election CG Assembly Election 2023 CG Election Mood of MP CG Mood_of_MP_CG2022 cg chunav Dongargarh assembly seat Bhubaneswar Baghel