KANKER. छत्तीसगढ़ का कांकेर एक प्राचीन विरासत वाला शहर है।106 ई. में कांकेर राज्य पर सातवाहन राजवंश का शासन रहा। कांकेर महाराज ने शीतला मंदिर और योगमाया कांकेश्वरी देवी मदिर बनवाया। इसी के नाम पर के नाम पर कांकेर का नाम रखा गया। इस आदिवासी बाहुल्य इलाके की संस्कृति जितनी अनोखी है यहां की राजनीति भी उतनी ही रोचक है।
सियासी मिजाज
कांकेर एकीकृत मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी विधानसभा सीटों में से एक है। यहां चुनाव 1962 में हुआ था। इस चुनाव में बीपी देव ने जीत दर्ज की थी। 1967 और 1972 में जहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो वहीं 1977 में यहां से जनता पार्टी का उम्मीदवार विधानसभा पहुंचा। साल 1980 में जनता ने निर्दलीय उम्मीदवार को चुनकर विधानसभा भेजा। अभी तक इस सीट पर 13 चुनाव हो चुके हैं जिसमें से 7 बार कांग्रेस, 3 बार बीजेपी, एक बार जनता पार्टी और दो बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। साल 2018 में यहां से कांग्रेस के टिकट पर पूर्व आईएएस अफसर शिशुपाल सोरी को मैदान में उतारा गया। सोरी यहां करीब 20 हजार मतों से जीतकर विधायक बने।
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जातिगत समीकरण
कांकेर विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां लगभग 70 फीसदी आदिवासी वर्ग के मतदाता हैं जबकि 4 फीसदी के आसपास अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता हैं। करीब 15 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग के है जबकि 10 फीसदी वोटर सामान्य वर्ग के हैं। इस इलाके में साक्षरता दर 72 फीसदी है। यहां साल 2018 में वोटिंग 51 फीसदी के करीब हुई थी।
मुद्दे
इस आदिवासी सीट पर मुद्दों की कोई कमी नहीं है। यहां हमेशा आदिवासी वर्ग से जुड़ी समस्याएं हमेशा ही बड़ी मुद्दा रही है। पेसा एक्ट, आदिवासी आरक्षण जैसे मुद्दे यहां प्रभावी हैं। हर दल इससे जुड़े वादे जरुर करता है लेकिन सरकार बनने के बाद वादों को भूला दिया जाता है। आदिवासी अपने हितों के लिए दरबदर भटकते रहते हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती है। 2017 में हुए चावल घोटाले के चलते कांकेर का नाम नेशनल मीडिया में भी गूंज चुका है।
इसके अलावा द सूत्र ने स्थानीय लोगों, पत्रकारों और स्थानीय नेताओं से विधायक शिशुपाल सोरी को लेकर सवाल पूछे तो लोगों ने जो सवाल किए वो कुछ इस तरह से रहे
- ग्रामीण क्षेत्रों में विधायक की उपलब्धतता नहीं है
इन सवालों को लेकर जब विधायक से संपर्क किया तो बेटे की शादी होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका लेकिन शिशुपाल सोरी ने लिखित में जवाब दिए
- ग्रामीण क्षेत्र में लगातार दौरे होते हैं, ये केवल आरोप है।
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