BHOPAL. मध्यप्रदेश में चुनाव काफी नजदीक है। ऐसे में प्रदेश के बीजेपी-कांग्रेस के सभी प्रत्याशी आमने-सामने आ चुके हैं। वहीं नए युवा चेहरों को मौका देने के दावे से इतर इन प्रत्याशियों की औसत उम्र घटने के बजाय बढ़ गई है। बता दें कि सदन में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बावजूद भी दोनों पार्टी में से कोई भी महिला प्रत्याशियों को 33 प्रतिशत के आंकड़े तक नहीं पहुंचा पाया।
बीजेपी में 10% कांग्रेस में 14% महिलाओं को मिले टिकट
बता दें कि कांग्रेस ने 14 प्रतिशत तो बीजेपी ने 10 प्रतिशत इस बार महिलाओं को टिकट दिया है। वहीं पिछले चुनाव की बात करें तो दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की औसत उम्र या तो स्थिर रही है या फिर 1-2 प्रतिशत तक बढ़ी है। ऐसे में कड़ी कोशिशों के बावजूद भी दोनों दलों के कुल 400 प्रत्याशियों में से केवल 80 नए चेहरे सामने आए हैं। इनमें से कांग्रेस ने अपने 199 में से 34 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं, जबकि बीजेपी से 46 नए चेहरों पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने इस बार 28 महिलाओं को और बीजेपी ने 20 महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
10 विधायकों के काटे टिकट
कैलाश मेघवाल-शाहपुरा, ललित ओस्तवाल-बड़ी सादड़ी, चंद्रभान आक्या-चित्तौड़गढ़, शोभारानी कुशवाहा-धौलपुर, अशोक लाहोटी-सांगानेर, सुभाष पूनिया-सूरजगढ़, सूर्यकांता व्यास-सूरसागर, मोहनराम चौधरी-नागौर, धर्मनारायण जोशी-मावली, हरेंद्र निनामा-घाटोल। कांग्रेस ने 50% टिकट महिलाओं व 50 वर्ष से कम आयु वालों को टिकट देने का दावा था। लेकिन अब इनमें 200 में से 11 ही इस उम्र के शामिल हैं। यानी 44% से कम। वहीं बीजेपी की बात करें तो युवाओं-महिलाओं की संख्या बढ़ाने की बात की, लेकिन उचित आंकड़ा तय नहीं किया था। पार्टी ने जो प्रत्याशित घोषित किए, उनकी औसत उम्र पिछली बार के बराबर ही है।