NEW DELHI. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने मुख्यमंत्री और पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण पर 44 करोड़ 78 लाख रुपए खर्च कर दिए। इसमें 01 करोड़ रुपए पर्दों पर,इंटीरियर डेकोरेशन पर 11.30 करोड़ रुपए, विदेशी मार्बल पर 03 करोड़ रुपए और किचन के रेनोवेशन पर 63 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इतना ही नहीं रेनोवेशन और इंटीरियर डेकोरेशन की कंसल्टेंसी के लिए 01 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार के मुखिया के बंगले पर ये शाहखर्ची देश में कोरोना आपदा (2021-22) के समय की गई है।
बंगले में 01 करोड़ के 23 पर्दे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरावाल के बारे में ये खुलासा 25 अप्रैल की शाम को नेशनल न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत ने किया है। इस बारे में चैनल की पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य और दस्तावेज सामने आए हैं। इनसे आप नेताओं की सादगी और मितव्ययता के दावों पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ है। तहकीकात में जो दस्तावेज सामने आए, उससे खुलासा हुआ है कि कि सीएम हाउस में आठ-आठ लाख रुपए का एक पर्दा लगाया गया। पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं। शुरुआत में आठ पर्दे लगवाए गए जिन पर 45 लाख खर्च हुए जबकि दूसरे चरण में 15 पर्दे का ऑर्डर दिया गया और इसकी कीमत लगभग 51 लाख रुपए थी।
यह खबर भी पढ़ें
शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई की चार्जशीट में पहली बार आया नाम
इन पर खर्च की गई लाखों की राशि
आभार #OperationSheeshMahal के लिए @TNNavbharat का
आज सारा देश देश रहा है कि केजरीवाल कहाँ से कहाँ आ गया
कभी यही केजरीवाल एफ़िडेविट लेकर घूम रहा था कि बंगला नहीं लूँगा
मैंने बार बार कहा है कि जिस दिन केजरीवाल के बंगले का सच सामने आ गया उस दिन केजरीवाल कितना भ्रष्टाचारी है ये… pic.twitter.com/XE6YK84KMT
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 25, 2023
- 23 पर्दों का ऑर्डरः एक करोड़ से अधिक
AAP के राघव चड्ढा की सफाई
It's a govt house not Arvind Kejriwal's own: AAP's Raghav Chadha responds to #OperationSheeshMahal@PadmajaJoshi with more details on the story. pic.twitter.com/MDLBpHXOOt
— TIMES NOW (@TimesNow) April 25, 2023
आप के सांसद और पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, "केजरीवाल जिस सरकारी घर में रहते थे, वह साल 1942 में बना था। घर के अंदर बेडरूम से लेकर दफ्तर तक की छत से पानी टपकता था। एक-दो बार छत गिरी भी। चूंकि घर में उनके बुजुर्ग माता-पिता भी रहते थे, इसीलिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में उसे तोड़कर नया बनाने की बात कही थी। इसीलिए इसे नए सिरे से बनाया गया। यह बंगला प्राइवेट तो नहीं है। एक सरकारी बंगला है। यदि एक सीएम के घर पर इतना खर्च हुआ तब उसकी तुलना दूसरे राज्यों के सीएम और पीएम हाउस से भी की जानी चाहिए। यदि मप्र के सीएम शिवराज सिंह के आवास में पुताई एवं साजसज्जा पर 20 करोड़ खर्च हुआ तो फिर वो भी देखना होगा। प्रधानमंत्री मोदी का सरकारी आवास भी फिर बनाया जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ बताई जा रही है। समझा जाता है कि ये रकम हकीकत में दो से तीन गुनी हो सकती है।