संजय गुप्ता, INDORE. आखिर लंबे इंतजार के बाद और कैलाश विजयवर्गीय के अमेरिका से लौटते ही गुरुवार देर शाम नगर निगम की मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) घोषित हो गई, हालांकि ये 15 अगस्त की तारीख में जारी की गई है, क्योंकि नियमानुसार सभापति शपथ के 7 दिन के भीतर इसे गठित होना चाहिए। सभापति मुन्नालाल यादव ने 8 अगस्त को शपथ ली थी।
MIC में हावी रहा कैलाश विजयवर्गीय-रमेश मेंदोला गुट
इस एमआईसी में एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय-रमेश मेंदोला गुट हावी रहा है। एमआईसी में उनके तीन लोग शामिल हुए हैं, वहीं एक सभापति पहले से ही उनके कोटे के हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प लड़ाई विधानसभा चार में चल रही थी जिसमें सांसद शंकर लालवानी कंचन गिदवानी को एमआईसी में लाना चाहते थे तो गौड़ हरप्रीत लूथरा को, इसके साथ ही लालवानी मुद्रा शास्त्री को भी एमआईसी में लाना चाहते थे लेकिन इन तीनों ही नामों को संगठन ने दरकिनार कर दिया। गौड़ के खास समर्थक कमल लड्डा को भी जगह नहीं मिली। हालांकि उनकी विधानसभा के दो अन्य नाम भी उन्हीं के पसंद के हैं। लेकिन सांसद की इस बार नहीं चली, इसी तरह मंत्री तुलसी सिलावट और मंत्री उषा ठाकुर भी अपने समर्थकों को जगह नहीं दिला पाए।
विधानसभा एक-निरंजन चौहान और अश्विनी शुक्ला
पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के खास हैं शुक्ला, वहीं चौहान पहले विरोधी थे बाद में समर्थक हो गए, वह वैसे पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे के खास हैं। यहां मंत्री ठाकुर पराग कौशल का नाम ले रही थीं, उन्हें जगह नहीं।
विधानसभा दो-राजेंद्र राठौड़ और जीतू यादव
विजयवर्गीय और मेंदोला दोनों के ही नाम लेकर चले थे, हालांकि पूजा पाटीदार को जगह नहीं मिली, उनका भी नाम महिला कोटे से आगे बढ़ाया था।
विधानसभा तीन-मनीष (मामा) शर्मा
विजयवर्गीय गुट के ही सदस्य (यहां से विधायक कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश ही है), इकलौता इनका नाम था। साथ ही बैकअप में सुरेश टाकलकर और गजानंद गावड़े को भी रखा था लेकिन उन्हें जगह नहीं।
विधानसभा चार-प्रिया डांगी और राकेश जैन
विधायक मालिनी गौड़ के ही दोनों समर्थक हालांकि हरप्रीत लूथरा और कमल लड्डा को जगह नहीं। मंत्री सिलावट यहां से योगेश गेंदर को लाना चाह रहे थे, वो खाली हाथ रहे।
विधानसभा पांच-राजेश उदावत और नंदू पहाड़िया
दोनों ही नाम विधायक हार्डिया के हैं, यहां कोई विवाद नहीं। हालांकि सांसद यहां से मुद्रा शास्त्री को समायोजित करने की मांग कर रहे थे, नहीं चली।
विधानसभा राउ-बबलू शर्मा
ये खुद महापौर की पसंद रहे हैं, सबसे ज्यादा लीड अपने वार्ड में दिलाई थी, हालांकि पार्षद ओमप्रकाश आर्य भी लगे हुए थे, उनकी नहीं चली।
अब जोर मलाईदार विभागों पर रहेगा
इस गठन के बाद अब विजयवर्गीय का जोर अपने समर्थकों को निगम के प्रमुख मलाईदार विभाग दिलाने पर रहेगा। इसमें राजस्व, जनकार्य और स्वास्थ्य प्रमुख माने जाते हैं। लंबे समय से ये विभाग इन्हीं के समर्थकों के पास रहे हैं।