कोरोना के कहर के बीच 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया गया है। इसके तहत निर्वाचन आयोग ने कई अहम दिशानिर्देश जारी किए हैं। इलेक्शन कमीशन ने इस बार के चुनाव में कोरोना को ध्यान में रखते हुए जो प्रतिबंध लागू किए है वो 15 जनवरी तक रहेंगे।
चुनाव में कोविड-19 से जुड़ा प्रोटोकॉल:
- वर्चुअल रैली और डोर टू डोर प्रचार करना होगा। डोर टू डोर प्रचार में भी केवल 5 लोग ही जा सकेंगे। कोई विजय जुलूस नहीं निकाल सकेंगे।
15 जनवरी के बाद कोरोना के हालात का रिव्यू किया जाएगा और फिर रैलियों व जनसभाओं पर फैसला लिया जाएगा। अगर रैलियों की इजाजत दी गई तो भी इसमें कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा।
15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। नुक्कड़ सभा, बाइक रैली पर भी रोक रहेगी। प्रत्याशी जीत के बाद विजय जुलूस नहीं निकाल सकेंगे।
हर रैली से पहले उम्मीदवार से शपथ-पत्र लिया जाएगा।
कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट, NDMA और IPC के धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सभी चुनावकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना जरूरी है।
राजनीतिक दलों को उम्मीदवारों और प्रत्याशियों को खुद भी अपना आपराधिक रिकॉर्ड बताना होगा।
सभी दलों और प्रत्याशियों को हेट स्पीच, फेक न्यूज और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा और इसकी निगरानी भी करनी होगी।
प्रत्याशियों को ऑनलाइन नॉमिनेशन की सुविधा दी जाएगी।
सभी दलों और प्रत्याशियों को चुनावी अपराध के संबंध में एडवाइजरी जारी की जाएगी। कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन करना होगा।
वोटर्स के लिए नियम
- कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे। उनके लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा।
80 प्लस सीनियर सिटिजंस और दिव्यांगों के लिए डोर स्टेप वोटिंग की सुविधा।
16% पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।
एक पोलिंग स्टेशन पर मैक्सिमम वोटर्स की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई।
महिला वोटर्स को बढ़ावा देने के लिए हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ को एक्सक्लूसिवली महिलाएं ही मैनेज करेंगे।
वोटर्स अगर चुनाव में धांधली देंखे तो सी-विजिल (cVIGIL) ऐप पर शिकायत कर सकते हैं। आयोग तत्काल एक्शन लेगा।