Gwalior. मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस इस समय एक्शन मोड में है। यही वजह है कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर में बड़ी बैठक कर बीजेपी को घेरने की रणनीति तैयार की। लेकिन कांग्रेस के बाद अब बीजेपी भी एक बड़ी बैठक का आयोजन कर रही है। खुद प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान रविवार को ग्वालियर पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित संभाग के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। इस बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर रणनीति तैयार होगी।
रणनीति का केंद्र बना ग्वालियर
मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले निकाय चुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियों ने रणनीति का केंद्र ग्वालियर को चुना है। कुछ दिन पहले कांग्रेस की तरफ से एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, विधायक और जिला अध्यक्ष मौजूद रहे। लगभग 5 घंटे तक चली इस बैठक में आगामी समय में होने वाले विधानसभा चुनाव और सिंधिया को घेरने की रणनीति तैयार हुई। लेकिन अब कांग्रेस के बाद बीजेपी भी ग्वालियर में एकजुट होने वाली है। यही वजह है कि रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर पहुंचकर नवीन मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने के बाद बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव को लेकर वह बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित संभाग के मंत्री, विधायक शामिल होंगे।
तैयारियों में जुटी बीजेपी-कांग्रेस
ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस लगातार रणनीति बनाने में लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर-चंबल संभाग की कमान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को सौंपी और उसके बाद अंचल के दिग्गज नेता डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया। इसके बाद लगातार कांग्रेस पार्टी की तरफ से ग्वालियर-चंबल अंचल में बैठकों का दौर जारी है। यही वजह है कि अब बीजेपी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
टिकट को लेकर खींचतान
शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का कहना है कि, बीजेपी हर वक्त चुनाव के मूड में रहती है और उसकी पूरी तैयारियां हैं। वहीं कांग्रेस इस बैठक को लेकर आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि, इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी दो गुटों में बंटी हुई है। यहां पर एक गुट नरेंद्र सिंह तोमर और दूसरा गुट ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। हालात यह हो चुके हैं कि सिंधिया और नरेंद्र सिंह के हर समर्थक को निकाय चुनाव में टिकट चाहिए और इसी को लेकर बीजेपी में इस समय खींचतान मची हुई है। यही खींचतान कुछ समय बाद खुलकर सामने आने वाली है।