BHOPAL. सुबह से पांच घंटे की खींचतान, आरोप-प्रत्यारोप और उठापटक के बाद बीजेपी ने आखिरकार भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष अपना बना लिया। सुबह तक अपने सदस्यों की संख्या बल पर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अपना मानकर चल रही कांग्रेस को अंत में निराशा ही हाथ लगी। किसी की एक नहीं चली। पहले तो बीजेपी ने अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी भी कांग्रेस में तोड़़फोड़ से तय किया। फिर क्रास वोटिंग के कारण कांग्रेस प्रत्याशी ही हार गई और बीजेपी समर्थित रामकुंवर गुर्जर को विजेता घोषित कर दिया गया। भोपाल के प्रभारी व नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा रामकुंवर को अपनी गाड़ी से लाए और जीत का सर्टिफिकेट मिलने के बाद अपने ही साथ ले गए।
लोकतंत्र की हत्या करने के लिए तैनात भाड़े के हत्यारे यानी कलेक्टर और एससीपी (भोपाल) इतनी मशक्कत से तो बेहतर होगा कि भाजपा को निर्विरोध ही घोषित कर दीजिए @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath pic.twitter.com/veA16KZeKa
— KK Mishra (@KKMishraINC) July 29, 2022
कांग्रेस 10 सदस्यों में से 7 को अपना बताते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दावा कर रही थी। कांग्रेस की ओर से रश्मि अवनीश भार्गव इस पद की उम्मीदवार थी। मगर कांग्रेस से बागी रामकुंवर गुर्जर अध्यक्ष बन गई हैं। गुर्जर ने कांग्रेस कैंडिडेट रश्मि भार्गव को एक वोट से हरा दिया। जीत की घोषणा होते ही भाजपाईयों में खुशी की लहर छा गई है तो कांग्रेस ने आरोपों की बरसात कर दी। कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर कोर्ट में चुनौती देने की चेतावनी दी है।अचानक पलटी बाजी पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नारेबाजी हुई। असल में सुबह से ही इस बात की आशंका कांग्रेसजन जता रहे थे। इसके चलते कांग्रेस नेता सुबह से ही जिला पंचायत कार्यालय पहुंच गए थे। अपने सदस्यों को बीजेपी में जाने से रोकने के लिए कांग्रेस के नेता गाड़ियां रोककर सड़क पर कोशिश करते नजर आए। बावजूद इसके वे सफल नहीं हो सके। कांग्रेस के तीन सदस्यों द्वारा क्रास वोटिंग करने से ऐन वक्त पर पांसा पलट गया और कांग्रेस को महापौर के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष का पद भी गंवाना पड़ा है।
कमल है झुकेगा नहीं!@narendramodi @ChouhanShivraj @bhupendrasingho @rameshwar4111 @Vishnukhatribjp @BJP4MP @BJP4India pic.twitter.com/TOYZ6LBktg
— Vishvas Kailash Sarang (@VishvasSarang) July 29, 2022
सुबह से चल रहा था विवाद
राजधानी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर भारी विवाद की स्थिति बन गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होते ही विवाद की स्थिति बन गई। जब तोड़फोड़ की आशंका जताते हुए दोनों दलों के दिग्गज मैदान में पहुंच गए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधायक पीसी शर्मा, आरिफ मसूद सहित तमाम छोटे-बड़े नेता जिला पंचायत कार्यालय पहुंच गए। वहीं भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी सहित बड़ी संख्या में बीजेपी नेता मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही विवाद गहराता रहा। करीब पांच घंटे हंगामा चलता रहा। हंगामे की शुरूआत तब हुई जब कांग्रेस की रामकुंवर गुर्जर, बिजिया राजौरिया सहित कुछ सदस्यों ने मौके पर ही पाला बदलकर बीजेपी का हाथ पकड़ लिया। मंत्री भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा अपनी गाड़ी में इन सदस्यों को लेकर पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे गुंडागिर्दी बताते हुए अपने सदस्यों के लिए खतरा बताया। बीजेपी ने भी खुलकर आरोप लगाए। लगातार विवाद के बीच बीजेपी ने कांग्रेस से आईं रामकुंवर गुर्जर को अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। कांग्रेस की ओर से रश्मि अवनीश भार्गव पहले से ही घोषित थीं। इसके साथ ही हर पल तापमान बढ़ता और माहौल बिगड़ता रहा।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी ने भोपाल ज़िला पंचायत के नव निर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती राम कुंवर नौरंग सिंह गुर्जर जी सहित अन्य सदस्यों से भेंट की।
आप सभी को जीत की हार्दिक शुभकामनाएं !#हर_जिला_भाजपा pic.twitter.com/eSVfjqqOzk
— Vishvas Kailash Sarang (@VishvasSarang) July 29, 2022
गुर्जर को हाथ पकड़कर ले गए शर्मा
भोपाल जिला पंचायत के कुल 10 सदस्य हैं। कांग्रेस शुरू से ही अपने आठ और बीजेपी के दो सदस्य बता रही थी। मगर चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही खींचतान मच गई। बीजेपी के नेता दो बार सदस्यों को अपने साथ लेकर पहुंचे। सभी दिग्गजों के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी के पाले में पहुंचीं राम कुंवर गुर्जर जब जिला कार्यालय पहुंची तो खींचतान के आसार बन गए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी आदि नेता उनकी गाड़ी के सामने आ गए। इसी बीच विधायक रामेश्वर शर्मा सदस्यों को लेकर अंदर चले गए। इनमें कांग्रेस के नवरंग गुर्जर की पत्नी और जिपं सदस्य रामकुंवर गुर्जर भी थी। रामेश्वर बकायदा हाथ पकड़कर रामकुंवर गुर्जर को नामांकन जमा कराने ले गए। कांग्रेस ने भी गुर्जर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया।सदस्यों के पाला बदलने से कांग्रेस की नाराजगी सड़कों पर भी नजर आती रही।
पुलिस संरक्षण में लोकतंत्र की हत्या,
— भोपाल के बीजेपी विधायक मतदान केन्द्र में सदस्य को लेकर घुस रहे हैं, पुलिस इस दुष्कर्म की मददगार बन रही है।
शिवराज जी,
ये नंगा नाच जनता देख रही है। pic.twitter.com/ib4F3aUA2J
— MP Congress (@INCMP) July 29, 2022
जनपद अध्यक्ष को भीतर जाने से रोका
जिला पंचायत कार्यालय में अंदर जाने की मांग को लेकर भी दोनों पक्ष आपस में भिड़ते नजर आए। अंदर जाने की बात को लेकर भी कई बार विवाद की स्थिति बनी। विवाद के बीच फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद राजपूत अंदर जाने का प्रयास करने लगे तो कांग्रेस की आपत्ति जता दी। इसके चलते पुलिस ने प्रमोद को भीतर जाने से रोक दिया। इसके बाद प्रमोद ने कांग्रेसियों की तरफ बैरिकेड्स लगाने की मांग की। इसे लेकर भी विवाद होता रहा।
ऐसा अशोभनीय व्यवहार किसी पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। पुलिस अफसर का कॉलर पकड़ रहे हैं, कलेक्ट्रेट के गेट को धक्का देकर तोड़ने की कोशिश कर रहे है।
लोकतंत्र में जय और पराजय चलती रहती है, लेकिन ऐसी बौखलाहट कि आप पुलिस अफसर का कॉलर पकड़ें, यह अधिकार आपको किसने दिया? pic.twitter.com/vPUYebqIxT
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 29, 2022
सड़क पर आए कांग्रेसी, पुलिस पर लगाए आरोप
जब तक अंतिम रिजल्ट नहीं आ गया, जिला पंचायत भवन कार्यालय में रह-रहकर विवाद गहराता रहा। बार-बार अंदर जाने की कोशिश करते कांग्रेस नेताओं की पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ तीखी बहस होती रही। इस बीच कांग्रेस नेताओं ने पुलिस अधिकारियों पर बीजेपी का समर्थन करने के आरोप भी लगाए। वहीं बीजेपी के नेता कुर्सी डालकर पंचायत कार्यालय के बाहर बैठे रहे। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जताई। नाराजगी जताते हुए कांग्रेस के नेताओं ने सडक पर जाम लगाने की कोशिश भी की। मगर पुलिस और प्रशासन की सख्ती के चलते सभी को जिला कार्यालय से दूर कर दिया गया।
सदस्य बैठे रहे,कांग्रेस नेताओं ने डाल दिए वोट
बीजेपी ने कांग्रेस नेता की पत्नी रामकुंवर गुर्जर को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया। उनके सामने कांग्रेस की रश्मि भार्गव अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रुप में थी। रामकुंवर गुर्जर को छह वोट मिले जबकि रश्मि भार्गव को चार वोट मिल पाए। ताज्जुब की बात ये भी है कि जिला पंचायत के चार सदस्य बैठे रहे और उनकी जगह बीजेपी नेताओं ने टेंडर वोट डाले यानी वोट डालने के लिए जिला पंचायत सदस्यों की जगह बीजेपी नेता अधिकृत किए गए। इस तरह रामकुंवर गुर्जर चुनाव जीत गईं। विजयी मुस्कान के साथ रामेश्वर शर्मा और विश्वास सारंग जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को मुख्यमंत्री निवास ले गए जहां पर सबने सीएम के साथ फोटो खिंचवाईं।
दिग्विजय ने लगाए आरोप
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके जिला पंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त की गई है। दिग्विजय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष नौरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष विनोद राजौरिया की पत्नी विजया राजौरिया, कांग्रेस नेता मोहन जाट और चंद्रेश लोधी को बीजेपी नेताओं ने किडनैप कर लिया।
पूर्व प्रोटेम स्पीकर जी , यह हक़ आपको किसने दिया है कि आप एक महिला जनप्रतिनिधि को इस तरह से पकड़ कर मतदान केन्द्र के अंदर तक ले जावे…?
जब महिला पुलिस कर्मी मौजूद हो..
यह आचरण ग़लत है , निंदनीय है और यह नारीशक्ति का अपमान भी है… pic.twitter.com/P3ZfqkqB9B
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) July 29, 2022