Shivpuri. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा (JP Nadda) द्वारा भोपाल में पिछले दिनों भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में चुनावों को लेकर दी गई गाइड लाइन की धज्जियां पहले ही चुनाव में उड़ने लगी हैं। हालत यह है कि शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्यों के गले ही यह फार्मूला (Formula) नहीं उतर रहा है। और इसका तोड़ निकालते हुए कई नेताओं ने अपने पुत्र—पुत्रियों और परिजनों को ग्राम, जनपद और जिला पंचायत चुनाव के जरिए सक्रिय राजनीति में उतार दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में वन मंत्री विजय शाह (Vijay shah) ने भी अपने बेटे दिव्यादित्य (Divyaditya) को जिला पंचायत में निर्विरोध सदस्य बनवा दिया है। वन मंत्री शाह अब अपने इस कदम को सही भी ठहराते हुए दलील भी दे रहे हैं।
वन मंत्री शाह के पुत्र दिव्यादित्य ने खंडवा (Khandwa) जिला पंचायत के वार्ड नं 14 से जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन दाखिल किया है। इस वार्ड से दिव्यादित्य का अकेला नामांकन (Nomination) होने से वह निर्विरोध निर्वाचित हो सकते हैं। शाह की तरह कई भाजपा विधायकों व नेताओं के परिजनों ने भी जिला व जनपद पंचायत के चुनाव में नामांकन दाखिल किया है। इसे पार्टी गाइडलान व फार्मूले का उल्लंघन माना जा रहा है, लेकिन वन मंत्री शाह ने इस मामले पर साफगोई से सफाई देते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं हो रहे हैं, इनके लिए कोई सिंबल भी नहीं दिया गया है। इसलिए पार्टी गाइड लाइन के उल्लंघन वाली कोई बात ही है। साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहाकि वैसे भी कोई व्यक्ति अगर लंबे समय से जनसेवा का कार्य कर रहा है तो उसे केवल इस आधार पर टिकट से वंचित नहीं किया जा सकता कि वह किसी राजनेता का पुत्र है। दिव्यादिव्य यदि मेरा पुत्र है तो कोई पाप नहीं है। मंत्री का बेटा होना कोई पाप नहीं है।
यह भी बोले वन मंत्री शाह
अल्प प्रवास पर शिवपुरी आए वन मंत्री शाह ने अपने पुत्र के नामांकन के पक्ष में दलील देते हुए कहाकि ये चुनाव निर्दलीय होता है और इसमें पार्टी सिम्बल नही दिया जाता। शाह ने यह भी कहा कि दिव्यादित्य पिछले 15 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। युवा मोर्चा में पदाधिकारी रहे हैं और जनपद में काम किया है। सहकारिता के क्षेत्र में रहकर गरीबों की सेवा की है। जिला सहकारी बैंक में 5 साल वह डायरेक्टर रहा। आज भी युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष है। इतने लंबे समय से सक्रिय व्यक्ति को केवल इस आधार पर राजनीति में आने से रोकना की वह मेरा बेटा है, उसके साथ अन्याय है। वैसे भी रोक तो सिंबल वाले चुनाव के लिए है।
क्या बोल गए थे नड्ढा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्ढा ने टिकट के लिए फार्मूला देते हुए कहा था कि भाजपा में परिवार वाद नहीं चलता। इस बार चुनाव में न ही नेता पुत्रों को सीधे टिकिट दिया जाएगा।
बीजेपी की पहली सूची में ही परिवारवाद
बीजेपी द्वारा कल रात घोषित की गई पहली अधिकृत सूची में ही यह गाइड लाइन कमजोर पड़ती नजर आई है। बीजेपी ने कल नीमच जिला पंचायत सदस्यों के प्रत्याशियों की घोषणा की है। दस सदस्यों वाली इस सूची में पांच नाम ऐसे हैं जो पूर्व में किसी पद पर रहे हैं तो पूर्व विधायक के परिवार से हैं। इनमें सज्जन सिंह पूर्व विधायक स्व. खुमान सिंह शिवाजी के पुत्र हैं। खुमान सिंह पांच बार विधायक रहे हैं। जबकि जॉनी बाई शंभू लाल धाकड़ पूर्व में जावद मंडी अध्यक्ष रही हैं तो मंजू बाई के पति मांगीलाल भील वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के जिला महामंत्री है। पूजा प्रदुम पाटीदार यह एक युवा चेहरा हैं, जिस पर भाजपा ने अपना दांव खेला है।