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कहते हैं महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले कौरव-पाण्डवों के बीच हुई बैठक में युद्ध के नियम तय हुए थे। लेकिन युद्ध की साथ ही हर नियम टूटता चला गया। एक पक्ष का मानना था कि युद्ध के नियम तब टूटे जब अभिमन्यु वध हुआ तो कुछ का मानना है कि नियम तो पहले दिन से ही भीष्म पितामह ने आम सैनिकों पर प्रहार करके तोड़ दिया था। बहरहाल ये बातें तो हजारों साल पुरानी हैं लेकिन पहले नियमों का बनना और फिर टूटना आज भी जारी है। हर पक्ष इसके लिए तरह-तरह के तर्क देता रहता है। ताजा मामला है नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा के साथ लगी आदर्श आचार संहिता का। आचार संहिता लागू हुए चंद घंटे ही नहीं हुए थे कि जबलपुर में नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की ओर से जिला निर्वाचन कार्यालय में आपत्ति दर्ज करा दी गई।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर आपत्ति
मामला बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के रोड शो का था। कांग्रेस की आपत्ति थी कि कोड आफ कंडक्ट लागू होने के बाद नड्डा के स्वागत में न केवल सरकारी मशीनरी लगी रही वहीं रोड शो के दौरान न तो तय समय सीमा का पालन किया गया और न ही आचार संहिता की अन्य बंदिशों का। इतना ही नहीं गुरुवार को भी शहर में जगह- जगह बिजली के पोल और गेंट्री पर लगे हुए बीजेपी नेताओं के होर्डिंग्स पर भी कांग्रेस ने आपत्ति उठाई है। कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू ने प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि यदि चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं रखी गई तो प्रशासनिक अधिकारी याद रखें समय का पलड़ा कभी भी पलट सकता है।
रोड शो पर किया कटाक्ष
नगर कांग्रेस अध्यक्ष ने बीते दो दिनों में हुए भाजपा नेताओं के दौरों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि सिंधिया और नड्डा के दौरों के दौरान महज कुछ सैकड़ा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति इस बात का सबूत है कि जनता बीजेपी से ऊब चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के आगमन पर कांग्रेस के पार्षद और ब्लाॅक अध्यक्ष स्तर के नेता भी इससे ज्यादा जनसमर्थन जुटाने का दम रखते हैं।
Input- O P Nema