अरुण तिवारी, भोपाल. आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के सपने देख रही कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लग सकता है। पार्टी में ग्वालियर-चंबल के बाद अब बुंदेलखंड में भी टूट हो सकती है। पार्टी में अंदरूनी कलह चरम पर है। इसका सबसे बड़ा कारण पार्टी में संवादहीनता है। विधायकों का प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से संवाद ही नहीं हो पाता है, जिसके कारण उनके मन में नाराजगी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस की अंदरूनी जानकारी रखने वालों की मानें तो आधा दर्जन से ज्यादा विधायक 2023 में विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर पाला बदल सकते हैं। अब तो कांग्रेस के दिग्गज नेता ही कहने लगे हैं कि ये संवादहीनता का चरम है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि सबकी मंशा है कि चुनाव को लेकर सबको जिम्मेदारी मिले। बैठकों का दौर शुरू हो और पार्टी चुनावी मोड में आ जाए। अभी तो संवादहीनता का चरम है, जबकि चुनाव का समय लगातार नजदीक आता जा रहा है।
तीन साल में कांग्रेस के कम हुए 19 विधायक: 2018 के विधानसभा चुनाव में कामलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस ने प्रदेश में 114 सीटें जीतीं थी। बीजेपी के हिस्से में 109 सीटें आई थीं। कांग्रेस ने झाबुआ की सीट जीतकर अपनी सीटों की संख्या 115 कर ली थी, जो बहुमत से सिर्फ एक सीट ही दूर थी। कांग्रेस की सरकार बन गई लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी ने कमलनाथ के हाथों से सत्ता छीनकर शिवराज सिंह चौहान के हाथ में दे दी। इसके बाद कांग्रेस में पतझड का सिलसिला शुरू हो गया। वर्तमान में कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं। जबकि बीजेपी 127 पर पहुंच गई।
विधायकों का कमलनाथ से संवाद नहीं: सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायकों की पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ तक पहुंच नहीं है। विधायकों को कमलनाथ से मिलने के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ता है। बंदेलखंड के एक बड़े नेता और वर्तमान में विधायक को अध्यक्ष से बातचीत करने के लिए एक महीने बाद का समय दिया गया। एक महीने बाद जब वो मिलने पहुंचे तो भी कमलनाथ व्यस्त थे और उनसे बात नहीं हो सकी। कांग्रेस विधायक और पूर्व वित मंत्री तरुण भनोट कहते हैं कि ये विचारधारा की बात है, जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ है। वो हमेशा साथ रहेगा और जो बीजेपी की विचाारधारा को मानता है, वो पार्टी से चला जाएगा।
महाकौशल और ग्वालियर में भी लग सकता है झटका: महाकौशल क्षेत्र के एक विधायक ने भी बीजेपी में जाने का मन बना लिया है। उनको सही वक्त का इंतजार है। महाकौशल के अलावा ग्वालियर से भी कुछ विधायक संवादहीनता के चलते हताश हैं। नाराज हैं। यहां से भी एक विधायक के बीजेपी में जाने के आसार नजर आने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर कहा कि चुनाव में हार जीत का कारण संगठन के निर्णय होते हैं। कार्यकर्ताओं की भावनाओं को सुनेंगे, फैसले फिर लेंगे तो अवश्य जीतेंगे।