जबलपुर। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के ऐलान के साथ ही जबलपुर में आंदोलनों की ऊर्जा और जोश के साथ कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगत बहादुर अन्नू ने शहर के पिछड़ेपन पर स्थानीय प्रशासन और शासन पर आरोप लगाए। अन्नू ने कहा कि ग्वालियर और इंदौर तो छोड़िए रीवा और छिंदवाड़ा जैसे शहरों से जबलपुर काफी ज्यादा पिछड़ा है। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान ये सारे मुद्दे लेकर वे जनता के बीच जा रहे हैं और जनता को भाजपा की असलियत से रूबरू कराएंगे।
अन्नू ने कहा कि शहर में अव्यवस्थाओं को लेकर पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के नेतृत्व में निकाली गई जनाधिकार यात्रा का दो दिन पूर्व समापन हुआ जिसके तहत नगर निगम का घेराव किया गया। जिसमें आम जनता ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अन्नू का कहना है कि पूरे शहर में बेतरतीब ढंग से चल रहे विकासकार्यों, महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त बड़ा वर्ग भी कांग्रेसियों की इस एकजुटता और प्रयास से काफी आस लगाए है।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगत बहादुर अन्नू ने सरकार पर लगाए आरोप
नगरीय निकाय चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए अन्नू ने कहा कि बीते 10 सालों में कछुआ गति से चले सीवर लाइन के नाम पर जनता को त्रस्त किया गया, नर्मदा के किनारे होने के बाद भी शहर की 50 फीसद जनता पानी के लिए तरसती है तो वहीं मात्र 2 इंच बारिश में पूरा शहर तालाब बन जाता है। जगत बहादुर ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी, जेएनयूआरएम की योजनाओं के जरिए नगर निगम को 5 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि मिली, आखिर वह पैसा गया कहां? जबकि इतनी राशि में पूरा का पूरा नया शहर बनकर तैयार हो सकता था। इस दौरान कांग्रेस नगराध्यक्ष ने बिजली कटौती, कोरोना काल में हुए बिजली बिल माफी और स्वच्छता मिशन पर भी प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया।
बीजेपी का दंभ होगा चूर
जगत बहादुर अन्नू नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को जनता का भरपूर सहयोग मिलने को लेकर आश्वस्त दिखाई पड़ रहे हैं। उनका मानना है कि केंद्र हो, राज्य या फिर नगर सत्ता मौजूदा समय सबसे भ्रष्ट सरकारों का है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने लगातार जो आंदोलन किए और जनता के बीच कांग्रेस ने जो पैठ बनाई है वो भारतीय जनता पार्टी का दंभ चूर-चूर करने में मददगार साबित होगी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा कराए जाने वाले धार्मिक आयोजनों का जिक्र करते हुए कहा कि वे अपनी समिति के जरिए बीते कई वर्षों से प्रतिवर्ष 20 हजार श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा कराने का काम कर रहे हैं साथ ही उन्होंने सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत का हवाला दिया।
Input -O.P. Nema