BHOPAL. ग्वालियर (Gwalior) जिले की डबरा जनपद पंचायत (Dabra Janpad Panchayat) में वर्चस्व को लेकर गृह मंत्री (Home Minister) नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) और सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी (Imarati Devi) में ठन गई है। दोनों के बीच चल रही खींचतान के बीच जनपद अध्यक्ष के चुनाव से पहले ही इसके 25 में करीब 17 भावी सदस्य अंडरग्राउंड करा दिए गए हैं। बीजेपी (Bjp) के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक इमरती देवी नहीं चाहतीं कि नरोत्तम मिश्रा का कोई समर्थक जनपद का अध्यक्ष बनें। इसी के चलते मतगणना के बाद जीत की संभावना वाले जनपद के 17-18 सदस्य डबरा के बाहर मौजमस्ती के लिए किसी बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन भेज दिए गए हैं। इन सभी के मोबाइल फोन बंद हैं।
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सांसद-विधायकों के बाद अब पंचायत सदस्यों की भी मोर्चाबंदी
सत्ता में वर्चस्व के लिए शह-मात के खेल में सांसद-विधायकों की मोर्चाबंदी की परंपरा अब जनपद पंचायत तक पहुंच गई है। इसकी मिसाल बनी है ग्वालियर की डबरा जनपद पंचायत। यहां अपने किसी पट्ठे को जनपद अध्यक्ष का कुर्सी पर पहुंचाने के लिए बीजेपी में ही संघर्ष छिड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि बीजेपी सरकार में बेदह ताकतवर मंत्री के रूप में शुमार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपना गृह नगर होने के कारण डबरा जनपद पंचायत में अपने खास समर्थक रामेश्वर तिवारी को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। तिवारी पूर्व में भी जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाली पूर्व मंत्री और लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी नहीं चाहतीं कि दतिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक नरोत्तम मिश्रा डबरा के मामले में दखलंदाजी करें। चूंकि वे डबरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की राजनीति में अपना वर्चस्व साबित करना चाहती हैं। इसीलिए वे अपने समर्थक मेहताब सिंह गुर्जर या वृंदावन बघेल में से किसी एक को जनपद अध्यक्ष बनवाना चाहती हैं।
सिंधिया-तोमर तक पहुंचा मामला
सूत्रों के मुताबिक जनपद अध्यक्ष पद के लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के समर्थक रामेश्वर तिवारी के समर्थन में मोर्चाबंदी होते देख इमरती देवी ने अपने राजनैतिक आका और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी पीड़ा बताई। इस पर सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल की राजनीति में बीजेपी के क्षत्रप माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से चर्चा की। बताया जा रहा है कि सिंधिया और तोमर की गुफ्तगू के बाद तय रणनीति के अनुसार डबरा जनपद पंचायत के 25 में से करीब 18 भावी सदस्य गायब करा दिए गए। साथ ही पार्टी संगठन की ओर से नरोत्तम मिश्रा को भी डबरा के मामले में हस्तक्षेप न करने की समझाइश दिलाई गई है।
डबरा में अपना वर्चस्व बनाना चाहतीं हैं इमरती देवी
बता दें कि डबरा जनपद पंचायत के सदस्यों के चुनाव के लिए वोटिंग के बाद वोटों की गिनती भी हो गई है लेकिन अभी नतीजे आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किए गए हैं। लेकिन डबरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के प्रभाव के चलते माना जा रहा है कि पार्टी अपना ही जनपद अध्यक्ष निर्वाचित कराने में सफल होगी। लेकिन इमरती किसी भी सूरत में नहीं चाहतीं कि जनपद अध्यक्ष की कुर्सी पर कोई नरोत्तम समर्थक काबिज हो। यदि ऐसा होता है तो क्षेत्र की राजनीति में उनका रसूख और कम घट सकता है। जबकि वे बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का उप चुनाव हारने के बाद भी 2023 में होने वाले चुनाव के लिए खुद को डबरा सीट का सबसे मजबूत दावेदार मानकर चल रही हैं।
बीजेपी के ही कारोबारी नेता ने सदस्यों को कराया अंडरग्राउंड
बताया जा रहा है कि जनपद अध्यक्ष के चुनाव के लिए मोर्चाबंदी की रणनीति के तहत ही करीब जीत की प्रबल संभावना वाले करीब 18 सदस्यों को डबरा से अंडरग्राउंड करा दिया गया है। इनमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही समर्थक हैं और ये करीब 5 दिनों से गायब हैं। इन सभी के परिजन भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। अंडरग्राउंड हुए इन सभी भावी जनपद सदस्यों के मोबाइल फोन भी बंद मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन्हें डबरा बीजेपी के ही एक बड़े कारोबारी नेता ने गोवा या बेंगलुरु भेजा है। उसी ने इन सभी को किसी आलीशान होटल में ठहराने और मौजमस्ती कराने की व्यवस्था की है। बीजेपी की जिला ग्रामीण इकाई में पदाधिकारी रह चुका ये कारोबारी नेता पूर्व मंत्री इमरती देवी का करीबी बताया जाता है।
बीजेपी ने हमारे समर्थक सदस्यों को बरगलाया: कांग्रेस विधायक
विधानसभा उप चुनाव में इमरती देवी को हराने वाले डबरा के कांग्रेस विधायक सुरेश राजे का आरोप है कि बीजेपी के नेताओं ने जनपद पंचायत के लिए चुने जाने वाले कांग्रेस समर्थित सदस्यों को बरगलाकर कहीं बाहर भेज दिया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि कांग्रेस जनपद अध्यक्ष बनवाने के लिए इन सभी के संपर्क में थी लेकिन पार्टी से चूक हो गई। उनका कहना है कि कांग्रेस समर्थित करीब 14-15 सदस्य एकाएक गायब हो गए हैं। हम सभी मिलकर उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप निराधार, अध्यक्ष हमारा ही बनेगाः बीजेपी
उधर ग्वालियर में बीजेपी की ग्रामीण जिला इकाई के अध्यक्ष कौशल शर्मा ने द सूत्र से चर्चा में डबरा जनपद पंचायत के कुछ भावी सदस्यों को गायब कराने के कांग्रेस विधायक के आरोप को निराधार बताया। उनका दावा है कि जनपद पंचायत के 25 में से 18 से 20 सदस्य बीजेपी समर्थक हैं। ये न कहीं बाहर गए हैं और न ही कहीं अंडरग्राउंड हुए हैं। उनका दावा है कि डबरा में जनपद अध्यक्ष बीजेपी समर्थक ही बनेगा।