सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की सीमा पार, 7 करोड़ की लागत से तैयार सड़क का बनते ही हुआ बुरा हाल

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Ujjwal Rai
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सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की सीमा पार, 7 करोड़ की लागत से तैयार सड़क का बनते ही हुआ बुरा हाल

RAISEN. रायसेन जिले में सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता खुद चीख-चीख कर 50 प्रतिशत कमीशन की गाथा गा रही हैं। सरकार का मजाक बनाते हुए लोगों का कह है कि बगैर बेस की सड़क कैसे बनती है, यह नजारा आप रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा की बरेली में आसानी से देख सकते हैं।

7 करोड़ की लागत से तैयार सड़क

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं और चुनाव से छह माह पूर्व तमाम तरह की लोकलुभावन योजनाएं लागू किए जा रहे हैं। जिसमें शिवराज सरकार सीधे-सीधे महिलाओं के खातों में पैसे डालकर अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। इस पर लोग कह रहे हैं कि यदि आपको जिले में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा देखना हो तो 7 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण कार्य किया गया। जिसमें बगैर पुरानी सड़क खोदे उसी पर सड़क बनाई जा रही है। इस सड़क की उमर महज एक बारिश की बताई जा रही। बरेली तहसील मुख्यालय पर मुख्य शहर की सड़क का निर्माण कार्य भी इसी तरह लीपापोती कर किया जा रहा, जिसकी शिकायत आम व्यापारियों के साथ नेताओं ने भी जिम्मेदार अधिकारियों से की, लेकिन ठेकेदार के उपर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।

MPRDC के एसडीओ बीएल अहिरवार बयान

रायसेन जिला मुख्यालय पर बनी बत्तीस करोड़ की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट इस कदर चढ़ी कि तमाम खबरों और शिकायतों के बाद बामुश्किल जांच में एक एसडीओ और दो सब इंजीनियरों को सस्पेंड किया, लेकिन सरकार हंसी का पात्र तब बनी जब यह तीनों अधिकारी महज 20 दिन बाद पुनः बहाल होकर भ्रष्टाचार को पोषित करने में जुट गए। एमपीआरडीसी के एसडीओ बीएल अहिरवार से भी इस संबंध में चर्चा कर सुधार की बात की गई। लेकिन उन्होंने साफ इंकार करते हुए कहा कि आप स्वतंत्र हैं जो खबर बनती हैं, आप उसे प्रकाशित कर सकते हैं।

50 प्रतिशत की कहानी

गौरतलब है कि नेशनल हाईवे बारह उन्नयन होकर फोरलेन में तब्दील हो गया और इसका नंबर भी बदला गया। अब यह नेशनल हाईवे पैतालीस के नाम से जाना जाता। इस हाईवे को शहर से बाहर बायपास निकलने से औबेदुल्लागंज, गेहरगंज, बाड़ी, बरेली से लेकर तेंदूखेड़ा तक के तमाम शहर बीरान हो गये और शहरों के भीतर सड़क अनाथ होकर दो-दो, तीन-तीन फिट गड्ढों में बदल गई। जिसमें बरेली शहर में सड़क बनाने का कार्य शुरू हुआ, जो 50 परसेंट की कहानी खुल बयां कर रहा हैं। इस भ्रष्ट अधिकारियों के निरंकुश होने का नुकसान भाजपा को भी फिफ्टी परसेंट होने की पूर्ण संभावना हैं

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