अरविंद मिश्र, SINGRAULI. नगर परिषद सरई और बरगवां के चुनाव में राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ा दी है। बीजेपी और कांग्रेस से बगावत करके कई प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जहां इन दिनों राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को चुनौती देते हुए चुनावी दंगल में भारी दिख रहे हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की टेंशन बढ़ती जा रही है।
कई वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा
नगर परिषद सरई और बरगवां के पार्षद चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद टिकट वितरण में राजनीतिक दलों ने काफी देर से उम्मीदवारी तय की। बताया जाता है कि बीजेपी और कांग्रेस से कई प्रत्याशी बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए चुनावी दंगल में चुनौती दे रहे हैं। दोनों परिषदों के चुनाव में कई वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा दिख रहा है। इनका जहां चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ा हुआ है। वहीं निजी संबंधों और सहजता होने का फायदा उठाने पूरी ताकत झोंक दी है।
प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की टेंशन बढ़ी
प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को कई वार्डों में पर्याप्त प्रचारक भी नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन सहित अन्य दलों के पदाधिकारी नेता बरगवां, सरई में इन दिनों डेरा डालकर पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने के लिए मतदाताओं के बीच जनसंपर्क कर रहे हैं लेकिन मतदाताओं की बेरुखी से राजनीतिक दलों के नेताओं की टेंशन बढ़ी हुई है। बताया जाता है कि प्रमुख दल के नेता और प्रचारक निर्दलीय प्रत्याशियों को मनाने में लगे हुए हैं लेकिन अब उनका ये प्रयास भी सफल होते नहीं दिख रहा है। इससे बरगवां, सरई में आगामी 27 सितम्बर को होने वाले मतदान को लेकर मतदाताओं की चुप्पी भी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का जहां टेंशन बढ़ता जा रहा है। वहीं चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने झोंकी ताकत
नगर परिषद बरगवां, सरई के चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस पार्टी, भाकपा, आम आदमी पार्टी, बसपा ने अपने-अपने पार्टी के समर्थित पार्षद प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दिया है। इसके बावजूद निर्दलीय प्रत्याशियों के आगे उक्त दलों के कई वार्डों के प्रत्याशियों की हवा निकलती दिख रही है। यहां तक की बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को कई जगह विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रत्याशियों के चयन से जहां कई जगह मतदाता भी नाराज हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में करीब 19 साल तक सत्ता में काबिज बीजेपी के राज में वार्डों का समुचित विकास नाली, सड़क न होने, हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ पात्रों का न मिलने कारण भी विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को मतदाता भी कोसने में कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
नगर पालिक निगम सिंगरौली के वादा खिलाफी की गूंज बरगवां में
नगर पालिक निगम सिंगरौली के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने संकल्प और वचन पत्र जारी किया था और आप के इस संकल्प, वचन पत्र में मतदाताओं से वादा किया गया था कि मेयर का चुनाव जितने के 7 दिवस के अंदर हाउस टैक्स, बाजार बैठकी माफ कर दी जाएगी। आरोप है कि रानी अग्रवाल मेयर चुनाव जीतने और पदभार ग्रहण करने के डेढ़ महीने बाद भी ऐसा कोई नगरीय क्षेत्र सिंगरौली में कोई कार्य नहीं किया है जिसको लेकर उनकी वाहवाही की जा सके। विपक्षी दल बीजेपी, कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी की विफलता और चुनावी वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं और बरगवां के चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के नेता और प्रचारक आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि बरगवां में रानी अग्रवाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और उनके ससुर रामनिवास अग्रवाल देवसर का जनपद अध्यक्ष भी रह चुके हैं। फिर भी बरगवां अंचल का विकास कार्य नहीं हो पाया। बरगवां बाजार में कचरे का अंबार लगा रहता है। नाली, स्ट्रीट लाइट भी व्यवस्थित नहीं हैं। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पार्षद प्रत्याशी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में मतदान करने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं।