DELHI. कांग्रेस (Congress) नेता मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में उम्मीदवार होंगी। वह अल्वा राजस्थान, गोवा, गुजरात और उत्तराखंड (Rajasthan, Goa, Gujarat, Uttarakhand) की राज्यपाल रह चुकीं हैं। मार्गरेट अल्वा की उम्र 80 साल है। उनकी उम्मीदवारी का ऐलान एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने की। विपक्षी दलों के नेताओं ने 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के चयन को लेकर 17 जुलाई को दिल्ली में बैठक बुलाई थी। शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, राजद, समाजवादी पार्टी सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
उपराष्ट्रपति चुनाव#NEW_DELHI. कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा (80) विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। अल्वा गोवा, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। @alva_margaret @rashtrapatibhvn @VPSecretariat @PMOIndia @INCIndia #elections #vicepresident pic.twitter.com/THiX0Fj6QT
— TheSootr (@TheSootr) July 17, 2022
मारग्रेट अल्वा कौन हैं ?
मारग्रेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को मंगलुरु में हुआ था। अल्वा की पढ़ाई बंगलुरु में हुई। 24 मई 1964 में उनकी शादी निरंजन अल्वा से हुई। उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। निरंजन अल्वा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और भारतीय संसद की पहली जोड़ी जोकिम अल्वा और वायलेट अल्वा के पुत्र हैं। अल्वा 1974 में पहली बार राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं। उन्होंने छह-छह साल के चार कार्यकाल लगातार पूरे किए। मार्गरेट अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। इसेक बाद वे 1999 में वे लोकसभा के लिए चुनी गईं। उन्हें 1984 में संसदीय कार्य राज्यमंत्री और बाद में युवा मामलात और खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी का दायित्व संभाला। 1991 में उन्हें कार्मिक, पेंशन, जन अभाव अभियोग और प्रशासनिक सुधार राज्यमंत्री का जिम्मा दिया गया था।
रह चुकी हैं 4 राज्यों की राज्यपाल
मार्गरेट अल्वा को 42 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। वह राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री बनीं। 2008 में उन्होंने कर्नाटक चुनावों में टिकट बेचे जाने की बात कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। मार्गरेट अल्वा ने गोवा, राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया है।
विपक्ष ने क्यों अपनाई वेट एंड वॉच रणनीति
माना जा रहा है कि विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा के लिए वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाई है। ऐसा इसलिए किया गया क्यों कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों ने राजग द्वारा द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की उम्मीदवारी का ऐलान किए जाने से पहले ही यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इससे शिवसेना, यूपी की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी सुभाषपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) समेत कई अन्य गैर-बीजेपी दलों ने बाद में यशवंत सिन्हा के बजाय द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की थी।