Jabalpur. जबलपुर में नवनिर्वाचित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू समेत कांग्रेस पार्षद 7 अगस्त को शपथ लेंगे। वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शिरकत करने जा रहे हैं। उनके अलावा कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा भी समारोह में मौजूद रहेंगे। करीब 2 हजार लोगों की मौजूदगी में शहर को आधिकारिक रूप से नया महापौर मिल जाएगा। कमी रहेगी सिर्फ बीजेपी के पार्षदों की। बीजेपी संगठन ने संभागायुक्त को चिट्ठी लिखकर शपथ ग्रहण से किनारा कर लिया है और 8 अगस्त को बीजेपी पार्षदों का शपथ ग्रहण कराने का आग्रह किया है।
18 साल बाद कांग्रेस की हो रही वापसी
इससे पहले साल 1999 में कांग्रेस ने आखिरी बार महापौर की सीट जीती थी। उस चुनाव में भी पहली बार प्रत्यक्ष रूप से महापौर को चुना गया था। जिसमें पंडित विश्वनाथ दुबे महापौर चुने गए थे। इसके बाद कांग्रेस का कोई महापौर जबलपुर में नहीं बन पाया। इस बार भी स्थिति विश्वनाथ दुबे के कार्यकाल जैसी ही है जहां कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है और नगर निगम अध्यक्ष बीजेपी का ही होगा।
इसलिए नाक-भौ सिंकोड़ रही बीजेपी
दरअसल शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शिरकत करने जा रहे हैं। जिस पर बीजेपी की ओर से नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने बताया है कि शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल या मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की उपस्थिति होनी चाहिए। इसलिए बीजेपी के नवनिर्वाचित पार्षद अलग से शपथ लेंगे। जिसको लेकर संभागायुक्त को पत्र लिख दिया गया है। हालांकि जीएस ठाकुर यह भूल गए कि पूर्व महापौर प्रभात साहू के नगर निगम परिसर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में न तो मुख्यमंत्री आए थे और न ही राज्यपाल। हां विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने जरूर शिरकत की थी। उस वक्त कांग्रेस के पार्षदों ने बड़ा दिल दिखाते हुए साथ में शपथ ली थी। इससे पहले स्वाति गोडबोले के शपथ ग्रहण समारोह में भी कांग्रेस पार्षदों ने साथ में शपथ ली थी।
कमलनाथ करेंगे शिरकत
पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोट ने बताया है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सहमति दे दी है। वे विशेष विमान से 7 अगस्त की सुबह 11 बजे डुमना एयरपोर्ट पहुंचेंगे, जहां से सर्किट हाउस पहुंचकर कुछ देर विश्राम के बाद वे सवा 12 बजे वेटरनरी ग्राउंड में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
रीवा में भी शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए बीेजेपी पार्षद
दरअसल बीजेपी की एकला चलो की नीति की शुरूआत रीवा से हुई है। जहां महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण से बीजेपी के नेताओं ही नहीं पार्षदों ने भी दूरी बनाई और अलग से शपथ लेने की नई परंपरा के बीज डाले हैं।