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Bhopal। दिग्विजय सिंह का कांग्रेस में वो रूतबा रहा है कि एक समय उन्हें राहुल गांधी का राजनीतिक गुरू तक कहा जाने लगा था। लेकिन बाद में इन्हीं दिग्विजय सिंह की संगत को पार्टी के ही आला नेताओं ने कोटरी का नाम दे दिया। कुछ नेताओं ने तो सलाह भी दी कि कांग्रेस को बचाना है तो राहुल गांधी को कोटरी से बाहर निकलना होगा। यूं लगता है कि राहुल गांधी तो उस कोटरी से निकल अपना राजनीतिक गुरू बदल चुके हैं। लेकिन दिग्विजय सिंह सियासत की उस पुरानी कोटरी से निकल कर नई राजनीति समझ नहीं पाए हैं. या फि बीजेपी और आरएसएस से उलझ कर सुर्खियों में बने रहना उनका एक सियासी स्टंट ही है।