शिंदे गुट को मिला ढाल के साथ दो तलवार का निशान, उपचुनाव में उद्धव की मशाल से होगा मुकाबला

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Vivek Sharma
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शिंदे गुट को मिला ढाल के साथ दो तलवार का निशान, उपचुनाव में उद्धव की मशाल से होगा मुकाबला

Delhi. शिवसेना में विवाद के बीच अब एकनाथ शिंदे को भी चुनाव आयोग से नया सिंबल मिल गया है। आयोग ने शिंदे गुट को ढाल के साथ दो तलवार नया चुनाव चिह्न प्रदान किया है। इसी सिंबल के साथ शिंदे गुट आगामी अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव में मैदान में उतरेगा। इससे पहले शिंदे गुट को सोमवार को ही शिवसेना (बालासाहेबांची) नाम मिल चुका है। 



चुनाव आयोग ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को 'तलवार और ढाल' (Sword and Shield) का चुनाव चिह्न आवंटित किया है। शिंदे गुट को बीते दिन 'बालासाहेबंची शिवसेना' का नाम दिया गया था। शिवसेना (Shiv Sena) का तीन-कमान का सिंबल फ्रीज करने के बाद चुनाव आयोग ने दोनों दलों को अपने गुट के लिए नाम और सिंबल के लिए विकल्प देने को कहा था। 





उद्धव गुट ने नए नाम पर संतोष जताया





उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा गुट के नाम के रूप में 'शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे' को आवंटित किए जाने पर संतोष जताया है। उद्वव ठाकरे के समर्थक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा कि हमें खुशी है कि 'उद्धव, बालासाहेब और ठाकरे जैसे तीन नामों को नए नाम में बरकरार रखा गया है।





उद्धव गुट ने विकल्प के तौर पर दिए थे ये नाम 





मातोश्री में उद्धव गुट के नेताओं की बैठक में पार्टी के नए नाम और चिह्न पर चर्चा के बीच उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उद्धव कुछ भी नहीं हैं, यह उद्धव बालासाहेब ठाकरे हैं और यही मुझे महत्वपूर्ण बनाता है। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने रविवार को बैठक के बताया था कि उनकी पार्टी का नाम शिवसेना है। अगर चुनाव आयोग शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)', 'शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)' या 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' सहित शिवसेना से संबंधित कोई भी नाम देता है, तो वह हमें स्वीकार्य होगा।





दोनों गुट चाहते थे एक ही नाम





इस बीच, यह सामने आया है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह के तीन विकल्प और नए नाम मांगे जाने पर दोनों गुटों ने शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे) नाम की मांग की थी। दोनों गुटों की समान मांग को देखते हुए चुनाव आयोग ने दोनों ही गुटों को यह नाम नहीं दिया है। नाम के अलावा चिन्हों के दिए गए विकल्पों में त्रिशूल और उगता सूरज की दोनों गुटों ने मांग की थी।





खारिज किए ये चुनाव निशान





चुनाव आयोग ने विकल्पों के तौर पर दिए गए चुनाव चिह्नों में से गदा और त्रिशूल को धार्मिक संकेत होने के कारण खारिज कर दिया।  वहीं, उगता सूरज चुनाव निशान पहले से ही द्रमुक के पास है। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को सील कर दिया था। आने उपचुनाव में दोनों में से कोई भी गुट इस चुनाव चिह्न का उपयोग नहीं कर पाएगा। 



 



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