संजय गुप्ता, INDORE. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ अपने प्रगाढ़ होते संबंधों और पारिवारिक मित्रता सार्वजनिक तौर पर दिखाई। मौका था शनिवार रात को एक निजी होटल में हो रहे MPCA ( मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ) के अवॉर्ड समारोह का। समारोह शुरू हो गया था और विजयवर्गीय मंच से नीचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के साथ बैठे हुए थे। जैसे ही सिंधिया की नजर उन पर पड़ी वे चलते कार्यक्रम से नीचे उतरे और विजयवर्गीय को साथ चलने के लिए कहा, लेकिन जब विजयवर्गीय ने कहा यहीं ठीक हूं तो सिंधिया ने उनकी फिर एक बात नहीं सुनी और हाथ पकड़कर प्रेम से लगभग खींचते हुए मंच पर साथ ले गए और उन्हें वहां स्थान दिया। सिंधिया और विजयवर्गीय के बीच में पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले बैठे हुए थे। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
सिंधिया-विजयवर्गीय की जुगलबंदी#इंदौर में MPCA के कार्यक्रम में मंच से उतरकर कैलाश विजयवर्गीय को साथ ले गए ज्योतिरादित्य सिंधिया और अपने साथ बैठाया। कभी थे धुर विरोधी आज एक मंच पर। @CMMadhyaPradesh @BJP4MP @JM_Scindia @KailashOnline @INCMP @MPCAtweets @jitupatwari #thesootr pic.twitter.com/SmdZQKa3x0
— TheSootr (@TheSootr) September 3, 2022
22 अगस्त को साथ किया था भोजन
बात केवल 12 दिन पुरानी ही है जब सिंधिया उनके घर पर पहुंचे थे और साथ में भोजन किया था। इस दौरान वे अपने साथ अपने बेटे महाआर्यमन को भी लेकर गए थे और बेटे को टोककर विजयवर्गीय से आशीर्वाद लेने के लिए कहा था। जब सिंधिया ने कहा था कि पारिवारिक मित्रता है और बीजेपी जो भी आगे काम देगी, विजयवर्गीय के मार्गदर्शन में उसे उमंग के साथ करेंगे।
12 सालों में कटुता से प्रगाढ़ता की ओर
बात 12 साल ही पुरानी है जब एमपीसीए के चुनाव में सिंधिया और विजयवर्गीय आमने-सामने थे। इसके बाद साल 2012 के चुनाव में भी आमने-सामने थे दोनों बार विजयवर्गीय हार गए थे। इस दौरान दोनों के संबंध काफी कटु थे। बाद में साल 2020 में सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद संबंध सुधरने शुरू हुए, विजयवर्गीय ने भी उनके स्वागत के लिए रैली निकाली। इसके बाद अब संबंधों में प्रगाढ़ता देखी जा रही है।
सिंधिया बोले रणजी जीत की हैट्रिक बनाना है
अवॉर्ड समारोह में एमपीसीए ने खिलाड़ियों के बीच साढ़े चार करोड़ के अवॉर्ड दिए। इसमें दो करोड़ की इनामी राशि एमपीसीए रणजी विजेता टीम को मिली। इसके बाद सिंधिया ने कहा कि अमृत महोत्सव के मौके पर ये ट्राफी घर वापस आई है, अब यही नहीं रुकना है, जीत की हैट्रिक लगाना है। कोच चंद्रकांत पंडित की जीवटता की मिसाल देते हुए कहा कि जब कप्तान थे तो एमपी टीम को फाइनल में जीत नहीं दिला सके जिसकी कमी उन्होंने कोच बनकर पूरी कर दी है। वहीं अनिल कुंबले ने कहा कि वैसै मैं महाराष्ट्र से जुड़ा हूं लेकिन मध्यप्रदेश की टीम ने बेहतर खेल दिखाकर ये ट्रॉफी जीती है, उन्हें बधाई।