Jabalpur. जबलपुर में जिला पंचायत के गठन को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वालकर जबलपुर जनपद उपाध्यक्ष बने बीजेपी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नेता रामेश्वर साहू को लेकर बुधवार की दोपहर से लेकर देर रात तक सियासी ड्रामा चलता रहा। दरअसल साहू के भाई लखन साहू ने बीजेपी नेताओं से उनके अपहरण होने की बात कही तो बीजेपी नेता पुलिस में शिकायत लेकर पहुंच गए। उनके थाने से जाते ही कांग्रेसियों ने थाने में जमावड़ा कर लिया। देर रात पुलिस ने रामेश्वर साहू को एक फार्म हाउस से थाने लाकर परिवार वालों के हवाले कर दिया। खास बात यह है कि रामेश्वर साहू की पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं और शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है।
बीजेपी की योजना पर छाए काले बादल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिले की राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस विधायक संजय यादव ने पुलिस पर जहां सत्ता पक्ष के दबाव में कार्यकर्ताओं को परेशान करने के आरोप मढ़ दिए हैं। तो वहीं बीजेपी अपने बने बनाए जनपद उपाध्यक्ष और उसकी जिला पंचायत सदस्य बीवी के खेमा बदल लेने से परेशान है। संजय यादव का दावा है कि रामेश्वर साहू ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। कांग्रेस ने ही उन्हें जनपद उपाध्यक्ष बनवाया है। वे सुरक्षा की दृष्टि से कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा के साथ गए थे लेकिन जिला पंचायत सदस्य का वोट लेने बीजेपी नेताओं ने साजिश रचना शुरू कर दिया।
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी नेताओं के दबाव में साहू के भाई लखन साहू ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसी को आधार बनाकर पुलिस सौरभ नाटी शर्मा के फार्म हाउस से रामेश्वर साहू को बयान देने के बहाने से उठाकर ले गए। दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है। बीजेपी नेता अजय विश्नोई का कहना है कि कांग्रेस के आरोप मनगढंत हैं। उन्होने बताया कि रामेश्वर भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हैं। रामेश्वर की क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस जनपद अध्यक्ष जरूर बन गया और वो जनपद उपाध्यक्ष बन गए। लेकिन अब कांग्रेस मनगढंत आरोप लगा रही है।
दिलचस्प रहेगा जिला पंचायत अध्यक्ष का निर्वाचन
इस घटनाक्रम के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष का निर्वाचन गहमागहमी के माहौल में होना तय है। कांग्रेस की सेंधमारी ने बीजेपी को सशंकित ही नहीं किया बल्कि सेंधमारी और जोड़तोड़ के लिए सीधे-सीधे ललकार दिया है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनैतिक दल ही नहीं बल्कि पुलिस भी काफी सतर्क रहेगी।