GWALIOR. कांग्रेस और बीजेपी के लंबे टकराव के बीच श्योपुर जिला पंचायत में बीजेपी समर्थित गुड्डी बाई आदिवासी को एक वोट से विजयी घोषित कर दिया गया। 12 में से दो सदस्य वोट डालने ही नहीं पहुंचे। कांग्रेस कल रात से ही आरोप लगा रही है कि उसके दो सदस्यों को पुलिस घर से उठाकर ले गई है। अभी भी पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पुलिस लाइन में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि जब तक उनके तीनों सदस्य उन्हें नहीं सौंपे जाते तब तक वे घर नहीं जाएंगे।
कल से चल रहा है विवाद
कांग्रेस दावा कर रही थी कि जिला पंचायत में उनका बहुमत है और उनकी प्रत्याशी गीता बाई अध्यक्ष बनेंगी। श्योपुर जिला पंचायत में कुल 12 सदस्य निर्वाचित हुए थे। इनमे से सात कांग्रेस समर्थित थे। कल एक सदस्य को मुरैना क्षेत्र के सबलगढ़ इलाके के उसके मामा के घर से 6 पुलिस वाले उठाकर ले गए । इनमें से दो को तो वे पहचानते भी थे। शाम होते होते एक और सदस्य को पुलिस रास्ते से ही तभी उठा ले गई जब वो श्योपुर जा रहा था।
कांग्रेसियों का धरना
इसकी सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता राम निवास रावत तत्काल मुरैना पहुंचे, उन्होंने एसपी से शिकायत की और अपहरण कर ले जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गायब सदस्यों को बरामद करने की मांग की लेकिन पुलिस ने कहा कि उनके कब्जे में कोई सदस्य नहीं है। इसके बाद विधायक राकेश मावई, बैजनाथ कुशवाह, रविन्द्र तोमर, डॉ. सतीश सिकरवार, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता एसपी ऑफिस पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। बाद में इन्हें हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया। ये लोग यहां भी देर रात तक नारेबाजी कर धरना देते रहे। देर रात इन्हें मुचलकों पर रिहा किया गया।
रावत बोले सदस्यों को लिए बगैर घर नहीं जाऊंगा
श्योपुर पहुंचे कांग्रेस नेता और उनके समर्थकों को वहां फिर हिरासत में ले लिया गया। उनको पुलिस लाइन ले जाया गया। उन्होंने 'द सूत्र' से कहा कि बीजेपी के बड़े नेताओं के इशारे पर लोकतंत्र को अधिकारियों के जरिए नष्ट कराने का यह कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। उनके दो सदस्यों का पुलिस ही अपहरण करके ले गई। उनका कहीं कोई पता नहीं है जबकि मुझसे कह रहे हैं कि मैं मुचलकों पर छूटकर घर चला जाऊं। लेकिन मैंने तय किया है जब तक उनके सदस्य सुरक्षित रिहा नहीं हो जाते तब तक वे भी घर नहीं जाएंगे भले ही मुख्यमंत्री उन्हें जेल भिजवा दें।