SATNA: ऊंचे करियर की फिक्र छोड़ 21 साल की मृगांशी सरपंची के रण में, एजेंडा लड़कियों को सक्षम बनाना....

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Sachin Tripathi
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SATNA: ऊंचे करियर की फिक्र छोड़ 21 साल की मृगांशी सरपंची के रण में, एजेंडा लड़कियों को सक्षम बनाना....

SATNA. वह उम्र में सबसे छोटी है लेकिन उसका वीजन बड़ा है। यह इसलिए भी है कि गांव अपना हैं और यहां के लोग अपने। इसी कारण वह दो बातों को लेकर बेहद परेशान थी कि गांव में पीने का अच्छा पानी और बहनें को पांचवी के ऊपर की पढ़ाई के लिए दूर न जाना पड़े। इस समस्या के समाधान का कोई हल नहीं निकाल सकी तो पंचायत के मैदान में आ गई। इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि उसकी उधर पढ़ाई पूरी हुई और इधर पंचायत अनारक्षित हो गई। 



यह किस्सा मध्यप्रदेश के सतना जिले का है। यहां के नागौद जनपद के गांव गिंजारा की बेटी ने सरपंच बनने की ठानी है। नाम मृगांशी सिंह है। पिता मृगेन्द्र सिंह परिहार पेशे से वकील है लेकिन कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि कांग्रेस के संगठन में सक्रिय हैं। मृगांशी इंदौर के निजी विश्वविद्यालय  में स्नातक की पढ़ाई कर रहीं थी। मनोविज्ञान में स्नातक करने के बाद गांव लौटी मृगांशी ने पिता मृगेन्द्र सिंह से सरपंच का चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की। इस पर पिता और माता दोनों ने ही हां की मुहर लगा दी। इस तरह से मृगांशी  ग्राम पंचायत गिंजारा से सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। 



सरपंच के लिए नौ प्रत्याशियों में सबसे कम उम्र 



ग्राम पंचायत गिंजारा के सरपंच पद के लिए नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें से सबसे कम उम्र मृगांशी सिंह की है। मृगांशी के रिकॉर्डस में जन्म तिथि  19 अप्रैल 2001 दर्ज हैं। जबकि सबसे ज्यादा 58 साल की संपत बाई उपाध्याय भी मैदान में हैं। इनके अलावा उनके ही परिवार की एक बहू प्राची सिंह भी सरपंच का चुनाव लड़ रहीं हैं। इनके अलावा प्रियंका पराशर, रंजना उपाध्याय, रेखा बाई अहिरवार, श्रीमती सुनील सिंह, सुनीता देवी अहिरवार और वंदना तिवारी सरपंच पद का चुनाव लड़ रही हैं। 




कक्षा 6 वीं की पढ़ाई के लिए 6 किमी का सफर 



गिंजारा तीन गांव को मिलाकर पंचायत है। यहां की प्रमुख दो समस्याएं हैं। पहली शुद्ध पेयजल और दूसरा पढ़ाई। पानी में इतना कैल्शियम है कि कपड़े धोने में टाइट हो जाते हैं और पढ़ाई के लिए कक्षा पांच से आगे की स्कूल नहीं है। मृगांशी के पिता ने द सूत्र को बताया कि खुद बेटी ने यह बात रखी है कि वह चुनाव लडऩा चाहती है। गिंजारा पंचायत में पेयजल बड़ी समस्या है और पढ़ाई के लिए दो 6 किमी दूर बसुधा या फिर नागौद जाना पड़ता है। इस कारण कई बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दी। इसलिए मृगांशी ने अपने मेनोफेस्टो में इन्ही दो बिंदुओं को रखा है। 




17 साल बाद अनारक्षित हुई पंचायत 



 ग्राम पंचायत गिंजारा करीब 17 साल बाद अनारक्षित हुए हैं। इससे 2005 में पंचायत अनारक्षित पुरुष हुई थी तब यहां के अशोक सिंह सरपंच बने थे। इसके बाद अब अनारक्षित महिला हुई है। पंचायत में ब्यौहारी, नरहरपुर और गिंजारा गांव आते हैं। पंचायत की जनसंख्या करीब 2500 हजार हैं इसमें 1503 वोटर हैं। इस पंचायत से अब तक अशोक सिंह, गणेशिया बाई अहिरवार, चंद्र कुमार विश्वकर्मा, रामदेव अहिरवार और गीता बागरी सरपंच बनी हैं। इसमें कुल 16 वार्ड हैं जो कि इस वर्ष निर्विरोध बताए जा रहे हैं। 


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