जबलपुर. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सदस्यता पर संकट आता दिख रहा है। दरअसल कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने आरोप लगाया है कि सिंधिया ने अपने राज्यसभा नामांकन में कुछ तथ्य छिपाए हैं। गोविंद सिंह ने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सुनवाई कर सिंधिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सिंधिया मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनवाने के मुख्य शिल्पकार रहे।
यह है पूरा मामला
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में डॉ गोविंद सिंह ने याचिका लगाई थी, जिसमें राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गयी थी। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने याचिका में आरोप लगाया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के निर्वाचन के दौरान दाखिल किए गए नामांकन पत्र में कुछ तथ्य छिपाए हैं। इसी को आधार बनाते हुए सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था। लेकिन अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और बीजेपी से राज्यसभा के सांसद चुने गए हैं। अपने नामांकन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उस मामले को छुपाया है, जो नियमों का साफ उल्लंघन है।
गोविंद सिंह ने लगाई थी याचिका
साल 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उनके समर्थक 22 मंत्रियों और विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी। बीजेपी में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया गया था। हाल ही में यह मामला हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच को ट्रांसफर किया गया था, जिस पर बेंच ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा चुनाव को शून्य घोषित करेगा।