संजय गुप्ता, INDORE. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के संबंध किस तरह प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। ये मंगलवार को सिंधिया के विजयवर्गीय के घर पर हुए दौरे से देखने को मिला। सिंधिया बहुत ही जोशीले तरीके से विजयवर्गीय से मिले, विजयवर्गीय ने उन्हें फूलों को गुलदस्ता भेंट किया। वहीं सिंधिया ने बोला आपके लिए सरप्राइज लाया हूं और उन्होंने बेटे महाआर्यमन को आगे कर दिया। महाआर्यमन ने नमस्ते किया तो सिंधिया ने टोकते हुए कहा आर्शीवाद लो, फिर उन्होंने विजयवर्गीय के पैर छुए तो उन्होंने महाआर्यमन को गले लगा लिया।
काफी देर तक चली पारिवारिक मुलाकात
इसके बाद विजयवर्गीय, पत्नी आशा विजयवर्गीय, पुत्र और विधायक आकाश विजयवर्गीय सभी एक साथ बैठे। काफी देर तक बात करते रहे। बाद में सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यहां व्यक्गितगत नहीं बल्कि सामूहिक परिवार के तौर पर आया हूं। मैं उज्जैन जा रहा था तो सोचा विजयवर्गीय जी से मिलता चलूं। हम मिलकर उनके मार्गदर्शन में पार्टी जो भी काम देगी उसे बेहतर करने के लिए काम करेंगे।
इस तरह के बन रहे हैं नए राजनीतिक समीकरण
नगर निगम चुनाव में जिस तरह से विजयवर्गीय ने कमान संभाली उससे साफ दिख रहा है कि वो फिर प्रदेश और इंदौर की राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ग्वालियर क्षेत्र में झुकाव केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर की तरफ है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद तोमर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ त्रिकोणीय स्थिति हो गई है। सिंधिया को भी भविष्य में प्रदेश की राजनीति में कद बढ़ाने के लिए सीएम के सामने खड़े दूसरे गुट जिसमें विजयवर्गीय सबसे अहम की जरूरत होगी।
विजयवर्गीय की दखल को नहीं किया जा सकता नजरअंदाज
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मालवा रीजन में सबसे ज्यादा सीटें आती हैं। यहां पर विजयवर्गीय के दखल को कोई नजरअदांज नहीं कर सकते हैं। माना जा रहा है कि ये मेल-मिलाप सिंधिया की भविष्य की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। वहीं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि विजयवर्गीय भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार हो सकते हैं। ऐसे में दोनों को ही प्रदेश की राजनीति में आगे बढ़ने के लिए एक-दूसरे की मदद लगेगी।
सिंधिया ने कांग्रेस पर कसा तंज
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की जो स्थिति है उसे लेकर जो भी कहें कम है। इससे पता चलता है कि पार्टी की अंदरूनी स्थिति इस तरह जर्जर हो चुकी है। वहीं बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सबका साथ सबका विकास की नीति के साथ आगे बढ़ रही है।
10 साल पहले फूटी आंख नहीं सुहाते थे
साल 2010 के एमपीसीए चुनाव के दौरान सिंधिया के सामने विजयवर्गीय थे, तब दोनों के बीच तल्खी काफी बढ़ गई थी। साल 2012 के चुनाव में फिर दोनों आमने-सामने थे। दोनों ही चुनाव में सिंधिया ने विजयवर्गीय को हराया था। तभी से दोनों के बीच संबंध काफी तल्खी भरे रहे। लेकिन साल 2020 में सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद उन्होंने विजयवर्गीय के घर दौरा किया, उनके लिए स्वागत रैली भी निकाली। इसके बाद से ही दोनों के संबंध मधुर होते नजर आ रहे हैं।