ग्वालियर. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बेटे महाआर्यमन सिंधिया की क्या जल्द ही राजनीति में एंट्री हो सकती है? ये अटकलें और ज्यादा तेज हो गई है। बुधवार को महाआर्यमन (Mahanaryaman Birthday) के 26 वें जन्मदिन के मौके पर जिस तरह से धूमधाम से आयोजन हुआ और ग्वालियर (Gwalior) को होर्डिंग्स से पाटा गया उससे यही कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अब ज्योतिरादित्य सिंधिया उस पार्टी में है जिसका एजेंडा परिवारवाद के खिलाफ है। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि ये बीजेपी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
कार्यकर्ताओं के बीच महाआर्यमन
आजादी के बाद सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी यानी महाआर्यमन अब राजनीति के मैदान में सक्रिय हो सकते हैं। ऐसी अटकलों का बाजार तेज है और महाआर्यमन (Mahanaryaman Politics) के जन्मदिन के मौके पर चर्चाएं और ज्यादा तेज हो गई क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ जब महाआर्यमन अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगैर कार्यकर्ताओं के बीच नजर आए। हालांकि उनकी मां मां प्रियदर्शनी राजे (Priyadarshini Raje) उनके साथ रही।
इसलिए तेज हो रही अटकलें
एक महीने पहले जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के दौरे पर थे। तब महाआर्यमन को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निजी से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत की थी। चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रोग्राम में महाआर्यमन ने भाषण भी दिया था। कार्यकर्ताओं से महाआर्यमन की व्यक्तिगत मुलाकात भी करवाई थी। तभी से माना जा रहा था कि जल्द ही महाआर्यमन की राजनीति में एंट्री हो सकती है। सिंधिया समर्थक तो पलक पांवड़े बिछाए इस दिन का इंतजार कर रहे हैं।
BJP परिवारवाद को लेकर सतर्क
हालांकि राजनीति के जानकारों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस (Congress) में होते तो अबतक महाआर्यमन की एंट्री हो चुकी होती, लेकिन बीजेपी परिवारवाद को लेकर सतर्क है। हाल ही में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने इसका उदाहरण देते हुए नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे को टिकट नहीं दिया था। ऐसे में महाआर्यमन को राजनीति में एंट्री करना है तो बीजेपी के हिसाब से चलना पड़ेगा। शायद यही वजह है कि ज्योतिरादित्य ने महाआर्यमन का जन्मदिन कार्यकर्ताओं के बीच मनाए जाने का फैसला लिया ताकि राजनीति में प्रवेश की राह आसान हो। बहरहाल महाआर्यमन की सियासत में एंट्री 2023 से पहले होगी या इसके बाद इसका सभी को इंतजार है।