भोपाल. कांग्रेस इस समय प्रदेश तो क्या, राष्ट्रीय स्तर पर बुरे दौर से गुजर रही है। यूपी चुनाव में पार्टी को दो सीटें मिली हैं। इधर, मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। शिवराज सरकार पचमढ़ी में चिंतन बैठक कर चुकी है। 18 महीनों को छोड़ दें तो कांग्रेस मध्य प्रदेश में 2003 से सत्ता में वापसी की बाट जोह रही है।
इसी के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 4 अप्रैल को एक अहम बैठक बुलाई है। इसमें उनकी पूर्व कैबिनेट के कई नेता मौजूद रहेंगे। एक तरह से देखें तो कमलनाथ विंध्य, मालवा-निमाड़, झाबुआ-रतलाम को साधने की रणनीति बनाना चाहते हैं।
ये नेता रहेंगे मौजूद
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह। बैठक 4 अप्रैल शाम 7 बजे शुरू होगी और डिनर के खत्म होगी।
विवाद पाटने की कोशिश
इस बीच, कमलनाथ ने पार्टी में चल रही उठापटक को भी शांत करने की कोशिश की। उन्होंने अरुण यादव को फोन कर उन्हें साधने की कोशिश की, साथ ही उन्हें हेलिकॉप्टर में अपने साथ बैठाकर सलकनपुर भी ले गए। दोनों नेताओं के बीच गोपनीय बैठक होने की भी संभावना है।
अरुण यादव ने पिछले दिनों में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर शिकायत की थी कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यादव के बाद वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात कर कमलनाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इस बीच ये भी खबर आ रही है कि अरुण ने कमलनाथ के नेतृत्व में पूरी आस्था जताते हुए बीजेपी के खिलाफ लड़ाई और तेज करने की बात कही है।