भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार का बजट सत्र शुरू हो चुका है। कल यानी 9 मार्च को सदन में बजट पेश करेंगे। लेकिन कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध पर राजनीति गरमा गई है। मंगलवार यानी 8 मार्च को जीतू ने फिर ट्वीट किए। इसमें उन्होंने अभिभाषण के फैसले को सही बताया।
जीतू ने दो ट्वीट किए: जीतू पटवारी ने अपने फैसले को लेकर मां की सीख के जरिए अपनी बात रखी।
बचपन में मां ने मुझे बोलना सिखाया.
स्कूल में शिक्षक ने लिखना-पढ़ना सिखाया.
पिता ने व्यावहारिक ज्ञान देकर परिपक्व बनाया.
लिखने/पढ़ने/बोलने और विचारों को,
साझा करने की स्वतंत्रता को,
सबसे बहुमूल्य पाया!
तब मैंने,
अभिव्यक्ति की आजादी,
का उत्सव मनाया!#सुप्रभात | #सुविचार
— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 8, 2022
मैं अभी भी अपने निर्णय पर कायम हूं! प्रदेश की अराजक #भाजपा सरकार के अभिभाषण का विरोध करता हूं!@OfficeOfKNath जी मेरे नेता है
ओर रहेंगे !
मेरा ध्येय #कांग्रेस को मजबूत बनाना, लूट की सरकार को हटाना और कमलनाथ जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है. यह प्रयास सदैव चलता रहेगा. https://t.co/Y6mXauysmy
— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 7, 2022
जीतू के फैसले पर पार्टी साथ नहीं: जीतू पटवारी के राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने के फैसला पर उन्हें पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ का साथ नहीं मिला। कमलनाथ ने सदन में कहा कि ये कांग्रेस का फैसला नहीं है और इस तरह कमलनाथ ने जीतू पटवारी के बयान से किनारा कर लिया।
पटवारी के फैसले पर सियासत: पटवारी के फैसले पर बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस में सामंजस्य का अभाव है। जब नेता प्रतिपक्ष के साथ बैठक में कुछ नहीं निकला तो सुबह उठकर ट्वीट कर दिया। आप नेता प्रतिपक्ष तो हैं नहीं तो आपने बहिष्कार क्यों किया? मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि जीतू पटवारी के कारण ही कांग्रेस खत्म हो रही है। वो कमलनाथ की बात नहीं मान रहे। जीतू पटवारी मानसिक संतुलन खो चुके हैं। राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का आईना होता है। सत्ता से जाने के बाद वे सठिया गए हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने जीतू पटवारी का बचाव किया और कहा कि यह राज्यपाल का विरोध नहीं बल्कि सरकार का विरोध है। राज्यपाल वही पढ़ते हैं, जो सरकार लिखकर देती है। सरकार जो कहती है वो कर नहीं रही है, इसलिए विरोध किया जा रहा है।