ग्वालियर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा तीनों कृषि कानून (Agriculture Law) को वापस लेने की घोषणा पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने रविवार को ग्वालियर (Gwalior) में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अभी लोगों को भरोसा नहीं है, क्योंकि कई बीजेपी नेताओं का दावा है कि इन कानूनों को जल्द ही वापस लाया जाएगा। उन्होंने ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया है।
मोदी सरकार में संवाद की कमी
दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में आपसी संवाद की कमी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तव में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही शो चला रहे थे। ग्वालियर में उन्होंने ने कृषि कानूनों को वापस लेने में देरी वाला लेकिन सही निर्णय करार दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुईं 700 मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? लोग इस घोषणा पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। कई भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद वापस लाया जाएगा।
एमएसपी पर कानून बने
दिग्विजय बोले कि संसद में तीन विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी दिए जाने के बाद ही किसानों की मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में संवाद की कमी है। जो खबरें आ रही हैं, उनमें कहा गया है कि केवल पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही शो चला रहे हैं। यह संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है। देश के लोकतांत्रिक ढांचे में कोई भी निर्णय अन्य कैबिनेट सदस्यों की सलाह से लिया जाना चाहिए।
सिद्धू का बचाव किया
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने अहिंसक विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसानों की प्रशंसा की। वहीं, पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई बताए जाने के सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से सवाल पूछा जाना चाहिए कि वह बिना निमंत्रण के पाकिस्तान क्यों गए थे।