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BHOPAL. महाराष्ट्र (Maharashtra) में दो दिन से संकट में चल रही शिवसेना सरकार (Shiv Sena Govt.) की रवानगी अब तय मानी जाने लगी है। कोरोना संक्रमित (corona infected) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की मार्मिक अपील का भी बागी विधायकों पर कोई असर नहीं पड़ा है, उल्टे दो और विधायक साथ छोड़कर बागियों के नेता मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के पास गुवाहाटी पहुंच गए हैं। विधायकों के बगावती तेवरों से सीएम ठाकरे की हिम्मत भी जवाब देने लगी है और ठाकरे परिवार ने सीएम हाउस खाली करना शुरू कर दिया है। सीएम ठाकरे अपने मंत्री पुत्र आदित्य के परिवार के साथ मातोश्री पहुंच गए हैं।
सीएम ठाकरे ने बुधवार शाम पार्टीजनों को संबोधित कर अपना संदेश दिया था। इसमें उन्होंने ऐसी चुनातियों से न डरने की बात की थी। साथ ही बागी विधायकों से कहा था कि वे सामने आकर बात करें। इसके बाद फेसबुक लाइव करते हुए कहा कि मैं लड़ने वाला शिवसैनिक हूं। बावजूद इसके एकनाथ शिंदे गठबंधन तोड़ने पर अड़े रहे। इस तनातनी के बीच सीएम ठाकरे और उनके पुत्र मंत्री आदित्य ने देर रात सरकारी बंगला वर्षा छोड़ना शुरू कर दिया। देर रात परिवार का सामान सरकारी बंगले से बाहर भेजा जाता रहा। उनके साथ पत्नी रश्मि ठाकरे, दोनों बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे भी सरकारी बंगले निकल गए। परिवार के जाने के बाद उनका सामान भी जाने लगा। इस बीच मातोश्री के बाहर सैकड़ों शिवसैनिक जमा होते रहे।
पवार भी दे चुके हैं पद छोड़ने की सलाह
इसके पूर्व एनसीपी नेता शरद पवार भी मौके की नजाकत देखते हुए सीएम उद्धव ठाकरे को पद छोड़ने की सलाह दे चुके हैं। उन्होंने साफ कह दिया था मुख्यमंत्री पद पर शिंदे को ही बैठा दो। ठाकरे मंत्रिमंडल में मंत्री एकनाथ शिंदे की आक्रामकता अब भी बरकरार है। वे गठबंधन तोड़ने की मांग पर अड़े हुए हैं और ठाकरे का विरोध करने वाले विधायकों की संख्या बढ़ाते जा रहे है। ठाकरे की बात सुनने के बाद देर रात 4 और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए। इनमें 2 शिवसेना और 2 निर्दलीय शामिल हैं। ये विधायक हैं गुलाब राव पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गाबित और चंद्रकांत पाटिल। 4 नए विधायक पहुंचने के बाद कुल विधायकों की संख्या अब 39 पहुंच गई है।
कमलनाथ महाराष्ट्र में सक्रिय, शिवराज—नरोत्तम ने कसा तंज जो अपनी नहीं बचा पाए भोपाल। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार पर बना संकट अभी भी बरकरार है। ठाकरे की मार्मिक अपील भी बागी विधायकों को अपने मिशन से दूर नहीं कर सकी है। अपनी गठबंधन वाली सरकार को इस संकट से उबारने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ बतौर पर्यवेक्षक महाराष्ट्र में दिन भर सक्रिय रहे। नाथ को पर्यवेक्षक बनाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि जो अपनी सरकार नहीं बचा पाए वे महाराष्ट्र की सरकार क्या बचाएंगे। सीएम चौहान ने कहाकि कांग्रेस भी गजब है, यह क्या लोगों का भला कर पाएगी, यह तो अंंतिम सांसे गिन रही है।
उज्जैन में सभा का संबोधित करते हुए सीएम चौहान ने पीसीसी चीफ नाथ को महाराष्ट्र भेजने पर चुटकी लेते हुए कहाकि अब महाराष्ट्र निकल गए नाथ। अरे अब महाराष्ट्र में उनका क्या काम? उनको भेजा है कि महाराष्ट्र की सरकार बचा लो। अरे, जो अपनी मध्यप्रदेश में सरकार नहीं बचा पाया वो महाराष्ट्र की सरकार बचाने जाएगा? ये अजब गजब कांग्रेस है भैया। ये कांग्रेस कभी आप का भला कर सकती है क्या? ये तो अंतिम सांसें गिन रही है।
कमलनाथ गए यानी शिवसेना की सरकार जाना तय — नरोत्तम
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महाराष्ट्र में कमलनाथ की सक्रियता पर शायराना अंदाज में तंज कसा। उन्होंने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बैंगलोर जाने की घटना को याद करते हुए कहाकि उस समय दिग्विजय सिंह सरकार बचाने बैंगलोर गए थे, तब नाथ सीएम थे। अब प्रदेश अध्यक्ष नाथ महाराष्ट्र गए हैं। शेर पढ़ते हुए गृहमंत्री ने कहाकि आगे क्या होगा खुदा जाने, माचिस को भेजा है आग बुझाने। वहीं बात को आगे बढ़ाते हुए मिश्रा ने कहाकि अपनी बिगड़ी बना न सके हम जमाने भर के घड़ीसाज हैं। साथ ही उन्होंने कहाकि अब कमलनाथ के वहां जाने से तय है कि सरकार जा रही है शिवसेना की। जहां—जहां पैर पड़े संतों की।
दिन भर सक्रिय रहे नाथ
कांग्रेस हाईकमान द्वारा पर्यवेक्षक बनाए गए मप्र के पीसीसी चीफ कमलनाथ आज सुबह ही मुंबई पहुंचे थे। वहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बाला साहेब थोराट के घर पर कांग्रेस विधायकों से चर्चा की। साथ ही सभी को एकजुट रहने को कहा। उन्होंने एनसीपी नेता सुप्रिया सुले से भी चर्चा की। इसके पूर्व उन्होंंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की।