SATNA. किसी भी संस्था के संचालन व कार्यप्रणाली पर संचालनकर्ताओं की शैक्षणिक योग्यता का गहरा असर होता है। टीम जिस क्षेत्र की विशेषज्ञ होती है, कमोवेश उस क्षेत्र का परफॉर्मेंस अच्छा होता है। नगर विकास का जिम्मा संभालने वाली नगर निगम भी ऐसी ही संस्था है जहां के मुखिया की कार्यकुशलता का असर शहर के विकास कार्यों में स्पष्ट: दिखता है। इस मर्तबा पुन: भाजपा का डंका नगर निगम में बजा है और महापौर समेत भाजपा के 20 पार्षद चुने गए हैं। चूंकि नगर निगम का राजनीतिक मुखिया भाजपा से चुना गया है तो जाहिर है कि शहर सरकार में भाजपा पार्षदों की भूमिका बेहद अहम होगी। अब जब नई शहर सरकार चुन ली गई है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उनके नुमाइंदे कितने शिक्षित हैं और किस क्षेत्र में पारंगत है। यदि मुखिया से लेकर पार्षदों की तक शैक्षणिक योग्यता को टटोला जाय तो एक बात स्पष्ट होती है कि इस मर्तबा ‘बिजनेस मैनेजमेंट’ के एक्सपर्ट्स का बोलबाला रहेगा। जानक ार रीवा का उदाहरण देते हुए विकास के मामले में फिसड्डी सतना के लिए इसे शुभ संकेत मानते हैं।
महापौर की टीम में कई बिजनेस मैनेजमेंट के विशेषज्ञ
सबसे पहले महापौर चुने गए इंडस्ट्रियलिस्ट योगेश ताम्रकार की शैक्षणिक योग्यता पर गौर किया जाय तो वे वाणिज्य में स्नातक है। यह विषय उनके औद्योगिक विकास व विस्तार की समझ पैदा करने में सहायक हुआ जिसके चलते क्लीन एनर्जी कॉन्सेप्ट के साथ उन्होंने उद्योग का संचालन किया जो अभी भी प्रदेश के अन्य उद्योगों के लिए नजीर बना हुआ है। यहां विंध्य व्यापार मेला की नींव रखकर उन्होंने शहर की व्यापारिक गतिविधियों को भी धार दी। संभवत: उनकी इसी प्रतिभा को देखते हुए शहर के विकास की कमान शहरवासियों ने सौंपी है। मानना है कि वो शहर के विकास को भी धार देंगे। उधर, उनकी पार्षदों की टीम में भी कई पार्षद ऐसे हैं जिन्हें मैनेजमेंट गुरू कहा जा सकता है। मसलन वार्ड क्र. 7 से .जीते आदित्य यादव मास्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (एमबीए) हैं तो तो वार्ड 25 की पार्षद नम्रता सिंह बैचलर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (बीबीएम) हैं। उच्च शिक्षित भाजपा पार्षदों की लिस्ट में पीजीडीसीए की डिग्री धारक वार्ड क्र.18 की पार्षद शामिल हैं तो वार्ड 24 की पार्षद प्राची कुशवाहा भी एमए- बीएड की डिग्री ले रखी है। भाजपा के 20 पार्षदों में बेशक कुछ की शिक्षा कमतर हो लेकिन उनमें से कई ने या तो अनुभव से मतदाताओं से प्रभावित किया है या फिर उनकी जनसेवा ने उन्हें नगर निगम की दहलीज तक पहुंचाया है।
एक पांचवीं तो दो पार्षद आठवीं पास
भाजपा के निर्वाचित पार्षदों में सिर्फ तीन पार्षद हैं जो सबसे कम पढ़े- लिखे हैं और तीनों ही पार्षद महिला हैं। वार्ड क्रमांक आठ की पार्षद मंजू यादव जहां पांचवीं पास हैं वहीं वार्ड 15 और 25 से पार्षद निर्वाचित क्रमश: ममता सोनी और कुसुम कली शुक्ला आठवीं पास हैं।
चार पार्षद दसवीं व दो बारहवीं पास
भाजपा के बीस में से चार पार्षद दसवीं पास हैं और दो पार्षद बारहवीं पास है। गोपी गेलानी और कुसुम कली मल्लाह ने जहां बारहवीं तक पढ़ाई की है वहीं चार अन्य पार्षदों सूर्यपाल सिंह,रानी देवी शुक्ला,रमेश कुमार शुक्ला और डोली कमल बाल्मीक दसवीं पास हैं।
एक ने बीएसी और 4 ने सिर्फ बीए किया
नगर निगम में चुन कर आए भाजपा के पांच पार्षद ऐसे हैं जिन्होने सिर्फ या तो बीएससी किया है या फिर बीए। इनमें से वार्ड 22 की पार्षद सुनीता कुशवाहा ने बीएससी किया है जबकि वार्ड तीन से पार्षद अभिषेक तिवारी अंशू ,वर्ड 26 के पार्षद महेन्द्र पाण्डेय, 32 के पार्षद पालन चतुर्वेदी और वार्ड 42 से पार्षद वंदना सिंह तोमर ने बीए किया है।
एक - एक पार्षदों ने बीकॉम और एमकॉम किया
शिक्षा के मामले में भाजपा के नवनिर्वाचित कुछ पार्षदों को छोड़ दिया जाए तो कई ऐसे पार्षद भी हैं जिन्होंने बीकॉम और एमकॉम कर रखा है। ऐसे पार्षदों में वार्ड 19 की सुमन बाल्मीक और वार्ड 41 के प्रवीण जैन शामिल हैं। सुमन ने जहां बीकॉम किया है वहीं प्रवीण जैन ने एमकॉम किया है।