5 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को भाजपा में शामिल हो गईं। उन्हें दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
क्यों छोड़ा सपा का दामन: अपर्णा मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। बताया जा रहा है कि अपर्णा लखनऊ कैंट से टिकट नहीं मिलने से अखिलेश से नाराज थीं। अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के पीछे अखिलेश यादव का वो फैसला है, जिसने परिवार में भूचाल ला दिया है। सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव ने फैसला किया है कि इस बार किसी भी कीमत पर परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नही देंगे। अखिलेश के इस फैसले के बाद ही अपर्णा ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
पीएम मोदी की कार्यशैली से प्रभावित: अपर्णा के भाजपा में शामिल होने की खबरें बीते कई दिनों से राजनीतिक गलियारों में चल रही थीं। इसकी बड़ी वजह ये थी कि वह कई अवसर पर पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफें कर चुकीं हैं।अपर्णा ने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित रही हूं। मुझे आपका सहयोग बहुत जरूरी है। स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के स्वावलंबन ओर पार्टी की अन्य योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं। जो भी कर सकूंगी, पूरी क्षमता से करूंगी।
2017 में शुरु हुआ सियासी सफर: अपर्णा 2017 के चुनाव में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। इसी के साथ उनका सियासी सफर भी शुरू हुआ। हालांकि उस चुनाव में उन्हें रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा। अपर्णा यादव मुलायम सिंह से भी ज्यादा शिवपाल यादव के करीब रही हैं। यही वजह है कि बीते दिनों शिवपाल ने उन्हें पार्टी के लिए कुछ करने के बाद टिकट की इच्छा रखने और भाजपा में शामिल न होने की सलाह दी थी।