सचिन त्रिपाठी, SATNA. भारतीय जनता पार्टी की गाइडलाइन के विपरीत चलने वाले मैहर विधायक ने भगवान श्री राम की तपोस्थली के 84 कोसी क्षेत्र को खनन मुक्त कराने के बीड़ा उठाया है। विधायक ने इसके लिए पदयात्रा भी शुरू कर दी है। यात्रा कामतानाथ के प्रथम मुखारविंद से शुरू होकर पिंडरा होते हुए सिद्धा पहाड़ पर खत्म होगी।
चित्रकूट को योगी को दे दो-नारायण त्रिपाठी
अपने बेबाक बोल के लिए प्रदेशभर में सुर्खियां बटोरने वाले मैहर के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने चित्रकूट के विकास को लेकर बड़ी बात कही है। चित्रकूट से शुरू हुई पदयात्रा के दौरान नारायण ने कहा कि उन्होंने अपने आराध्य राम के लिए ये यात्रा प्रारंभ की है। यात्रा से पहले साधु-संतों से चर्चा की है। बीजेपी विधायक ने संतों की आड़ लेते हुए कहा कि चित्रकूट के विकास को लेकर संत समाज बेहद नाराज हैं। सभी संत ये कह रहे हैं कि यदि प्रदेश सरकार से चित्रकूट का विकास नहीं हो पा रहा है तो सतना के छोर वाले चित्रकूट को भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया जाए ताकि सतना का विकास हो सके।
सिद्धा पहाड़ पर खत्म होगी यात्रा
विधायक नारायण त्रिपाठी चित्रकूट के तीर्थ क्षेत्रों को खनन मुक्त कराने को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को चित्रकूट में भगवान कामतानाथ के दर्शन करके अपनी यात्रा की शुरुआत की। नारायण त्रिपाठी की यात्रा गुरुवार को सिद्धा पहाड़ पहुंचेगी। 30 सितंबर को धर्मसभा का आयोजन किया जाएगा। जहां पर संत समाज सहित सभी लोग मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि खनन लीज की सुनवाई के दौरान नारायण 27 सितंबर से चित्रकूट से सिद्धा तक पदयात्रा का ऐलान किया था। विधायक नारायण त्रिपाठी का कहना है कि भगवान श्रीराम हम सब के आराध्य हैं। चित्रकूट की पावन भूमि में उन्होंने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया। यहां के कण-कण में उनकी स्मृतियां बिखरी हुई हैं जिन्हें सहेजा जाना चाहिए। राम वन गमन क्षेत्र के धार्मिक स्थलों का संरक्षण करके वहां विकास किया जाना चाहिए।
मैहर विधायक ने पीएम और सीएम को लिखा था पत्र
भगवान राम की प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ को खनन मुक्त करने के लिए नारायण त्रिपाठी ने पूर्व में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद सीएम ने खनन लीज निरस्त करने के निर्देश दिए थे। लोक सुनवाई को निरस्त करने के बाद खदान निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया जिसके बाद तीन खदानों को बंद कर दिया गया। उस वक्त नारायण ऐसे पहले भाजपाई थे जिन्होंने सिद्धा में खनन लीज स्वीकृति का खुलकर विरोध किया था।