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इतिहास के पन्नों में दफन हुई एक जंग अब मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में फिर नजर आने वाली है. ये जंग है एक महाराज और एक राजा के बीच. महलों की चारदिवारी के बीच पुश्तों से चली आ रही जंग खुलकर चुनावी मैदान में होगी. जिसका बिगुल फूंका जा चुका है. जंग का आगाज विधानसभा चुनाव के साथ हुआ है लेकिन इसे लोकसभा चुनाव तक जारी रखने की तैयारी है. इस युद्ध में एक टीम राजा है और दूसरी टीम महाराजा है. मामला प्रदेश का है इसलिए शिवराज भी इसका हिस्सा बन ही चुके हैं. ये जंग उस सीट पर छिड़ी है जिसे भेदना हमेशा से बीजेपी का सपना रहा है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार पहले यहां किस्मत आजमा चुके हैं. अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की ताकत की आजमाइश है.