भोपाल-मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव लगातार टल रहे हैं. वजह ये है कि शिवराज सरकार इन के जरिए प्रदेश की 51 प्रतिशत आबादी को साधने की कोशिश में है. जिसके तहत ओबीसी के लिए 27 फीसदी रिजर्वेशन का ऐलान किया जा चुका है. इनके अलावा एसीसी के लिए 15 फीसदी और एसटी के लिए 20 फीसदी सीटें रिजर्व हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियम साफ हैं कि पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की शरण लेना सरकार की मजबूरी बन गया. बस उसके बाद से प्रदेश में ये चुनाव लटके हुए हैं.